UP Crime: ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में एक 12 साल के बच्चे की कथित तौर पर स्कूल की टीचर (Teacher) द्वारा पीटे जाने से मौत हो गई. बच्चे की मौत पर परिजनों को यह समझ नहीं आ रहा कि वह इस मौत का जिम्मेदार उस स्कूल टीचर को ठहराएं या फिर उन अस्पतालों को जिन्होंने बेड खाली न होने की बात कहकर बच्चे को अस्पताल में भर्ती नहीं किया. पिता का कहना है कि यदि उनके बच्चे को समय पर इलाज मिलता तो उसकी जान बच सकती थी.


क्या था पूरा मामला
मामला ग्रेटर नोएडा के बादलपुर का है. मृतक बच्चे के पिता ने बताया कि उनका बच्चा प्रिंस महावर के कैप्टन सांवरिया पब्लिक स्कूल में कक्षा 6 में पढ़ता था, जब मैंने प्रिंस को शुक्रवार सुबह स्कूल में छोड़ा तो वह बिल्कुल ठीक था, दोपहर करीब 1.15 बजे जब में उसे लेने के लिए स्कूल जा रहा था तभी मुझे स्कूल से फोन आया कि  आपका बेटा बेहोश हो गया है, इसके बाद वह अपने बेटे को स्कूल ले लेकर सीधे क्लीनिक पहुंचे.


क्लीनिक स्टाफ ने कहा कि बच्चे को तुरंत सिर की चोट का इलाज करने वाले अस्पताल में लेकर जाएं. इसके बाद मैं बच्चे को गांव के ही वेद राम चरण हॉस्पिटल में ले गया. उन्होंने हमसे बच्चे को दादरी के नवीन अस्पताल में बच्चे को ले जाने को कहा. मृतक के पिता देवदत्त ने कहा कि शुरुआत में हमें लगा कि प्रिंस को लकवा मार गया है क्योंकि वह उस समय केवल अपनी सीधी तरफ के अंगों को हिला पा रहा था.


नवीन अस्पताल में सीटी स्कैन से हमें पता चला कि बच्चे के सिर में अंदररूनी चोट लगी है जिससे उसके दिमाग में सूजन आ गयी है. अस्पताल प्रशासन ने बच्चे की उचित देखभाल के लिए उसे दूसरे सेंटर रेफल करने की सलाह दी. इसके बाद परिजनों ने प्रिंस को दिल्ली भर्ती करने का फैसला किया. देवदत्त ने कहा कि हम दादरी से 5 बजे चले और सबसे पहले सफदरजंग पहुंचे, लेकिन उन्होंने हमारे बच्चे को भर्ती नहीं किया, इसके बाद हम राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंचे और उसके बाद जीबी पंत अस्पताल पहुंचे. सभी जगह से मना होने के बाद  रात करीब 9 बजे हमें एलएनजेपी अस्पताल में बेड मिला. हमारा बच्चा मर रहा था लेकिन बेड खाली न होने का कारण बताते हुए उन्होंने हमारे बच्चे को भर्ती नहीं किया. देवदत्त ने कहा कि एलएनजेपी में प्रिंस का ऑपरेशन हुआ, लेकिन शनिवार की शाम को उसने दम तोड़ दिया. 


क्या अध्यापक की पिटाई से हुई बच्चे की मौत
इसके बाद जब हमने स्कूल  के बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि शोभरन नाम के टीचर ने उसकी पिटाई केन से की थी. देवदत्त ने कहा कि मेरे बेटे की छाती, जांघ, कंधे और कमर पर चोट के निशान थे. कोई कैसे एक बच्चे को इतनी बुरी तरह से पीट सकता है.


प्रिंस की कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने बताया कि सोमवार को टीचर ने उन्हें हिंदी का एक टेस्ट दिया था, जिसमें 7-8 बच्चे फेल हो गए, प्रिंस भी टेस्ट में फेल हो गया था. इसके बाद टीचर ने प्रिंस के हाथों पर तीन डंडी मारीं. फेल हुए अन्य बच्चों को भी पीटा गया. टीचर के पीटे जाने के बाद  प्रिंस अपनी सीट पर ही गिर गया और उसके मुंह से थूक निकलने लगा.


इस घटना के बाद से 42 वर्षीय टीचर शोफरन फरार है. वहीं चोटों की प्रकृति को समझने के लिए पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. चूकिं वह लड़का जमीन पर गिर गया था इसलिए हो सकता है कि उसी दौरान उसके सिर में चोट लगी हो.


शिक्षक के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर


वहीं शिक्षक के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) का मामला दर्ज किया गया है. एसीपी-2 सेंट्रल नोएडा  अरविंद कुमार ने कहा कि टीचर अस्पताल में बच्चे से मिलने गया था और इलाज के दौरान भी टीचर परिवार के साथ था, लेकिन जैसे ही उसे बच्चे की मौत के बारे में पता चला वह वहां से भाग गया. आरोपी टीचर को पकड़ने के लिए चार टीमें बनाई गई हैं.


वहीं स्कूल के मालिक और प्रधानाचार्य राजबीर नागर ने कहा कि हमारा स्कूल पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहा है. वहीं दिल्ली के एक डॉक्टर ने प्रिंस कि सीटी स्कैन रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि उससे मस्तिष्क में सूजन बढ़ गई थी, और चूंकि समय से उसका इलाज नहीं हो सका इसलिए उसके दिमाग में खूल का खून का दबाव और ज्यादा बढ़ गया था. संभवत: उसकी मौत इसी वजह से हो गई हो.


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