सपा सरकार में Akhilesh Yadav के ड्रीम प्रोजेक्ट में हुआ था 200 करोड़ का घोटाला! ऑडिट हुआ बड़ा खुलासा
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी (JPNIC) और जनेश्वर मिश्र पार्क (Janeshwar Mishra Park) समेत कई योजनाओं में 200 करोड़ के घोटाले की बात सामने आई है.
UP News: अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के ड्रीम प्रोजेक्ट जेपीएनआईसी (JPNIC) और जनेश्वर मिश्र पार्क (Janeshwar Mishra Park) समेत एलडीए (LDA) की तमाम आवसीय योजनाओं में 200 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है. यह खुलासा स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग (Audit Department) ने किया है. विभाग ने अपने ऑडिट में वित्तीय वर्ष 2015-16 में घोटाले और गड़बड़ियों की जानकारी देते हुए एलडीए के दोषी अधिकारियों से रिकवरी की सिफारिश भी की है. खास बात यह है 200 करोड़ रुपए के घोटाले के वक्त एलडीए वीसी सत्येंद्र यादव थे.
आरोप है कि उन्होंने अपने करीबियों और चहेतों को बिना टेंडर के काम देकर उन्हें लाभ पहुंचाया. अब एलडीए की तरफ से घोटाले के दोषी अफसरों को पत्र भेजकर रिपोर्ट मंगाई जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद इसे शासन को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा.
इन योजनाओं में हुआ घोटाला
स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग ने जेपीएनआईसी, जनेश्वर मिश्र पार्क के अलावा गोमतीनगर विस्तार और कानपुर रोड की कई योजनाओं में गड़बड़ियां पाई हैं. ऑडिट रिपोर्ट के मुताबिक जेपी इंटरनेशनल सेंटर के कंसलटेंट को 3.59 करोड रुपए अधिक फीस दी गई. ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि जेपी सेंटर में पूरी परियोजना की डेढ़ प्रतिशत फीस कंटेंट कंसलटेंट को चुकाई गई. जिससे एलडीए को 3.59 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. इसी तरह जनेश्वर मिश्र पार्क में 6 गोल्फ कार्ट खरीदने के लिए 45 लाख रुपए का अधिक भुगतान किया गया.
लकड़ी की 150 बेंच बिना टेंडर के लगवाई गई, जिसमें 42.68 लाख रुपए का नुकसान हुआ. झूले और ओपन जिम बनाने में 55 लाख रुपए का अनियमित भुगतान किया गया. 207 फुट का झंडा लगाने के लिए 1.39 करोड़ रुपए के अनियमित काम कराए गए. लोकार्पण समारोह में भी बिना टेंडर के 1.14 करोड़ रुपए के काम कराए गए. गंडोला बोट के नाम पर 47.50 लाख रुपए का घोटाला हुआ जबकि पार्क के अनुरक्षण के नाम पर 4.72 करोड़ रुपए की अनियमितताएं की गई.
बिल्डर ने किया किया भुगतान
गोमतीनगर विस्तार में सीजी सिटी में एलडीए ने एक बिल्डर की टाउनशिप में एक करोड़ रुपए जमा कराकर 4.17 करोड़ रुपए की सड़क बना दी. बिल्डर ने शेष रकम का भुगतान नहीं किया जिससे एलडीए को 3.17 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. अलीगंज में एलडीए के कॉम्प्लेक्स में टाइल्स लगाने में 23.87 लाख रुपए का नुकसान हुआ. एलडीए ने दिल्ली के रेट पर मरम्मत का एस्टीमेट बनवाया था. देवपुर पारा योजना में लोहिया आवास बनाने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया. काम शुरू होने से एक साल पहले ही कंपनी को एडवांस रकम दे दी गई. इस एक साल में निजी कंपनी ने एलडीए की रकम से 19.85 करोड़ रुपए का ब्याज कमाया.
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