Teacher Recruitment Protest in Lucknow: उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए अभ्यर्थी लगातार आंदोलन कर रहे हैं. शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने शुक्रवार (13 अक्टूबर) एक बार फिर से सीएम आवास का घेराव करने का प्रयास किया. घेराव करने पहुंचे अभ्यर्थियों को हटाने में सुरक्षाकर्मियों और पुलिस के हाथ पांव फूल गए. ये अभ्यर्थी बीते दो महीने से अधिक समय से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. 


दरअसल, 69000 शिक्षक भर्ती मामले में एक नंबर से नियुक्ति से वंचित अभियार्थियों ने शुक्रवार (13 अक्टूबर) एक बार फिर से सीएम आवास का घेराव करने पहुंच गए. इस दौरान कुछ अभियर्थी तो सीएम आवास पर लगे बैरिकेड्स तक पहुंच गए. हालांकि, पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को पकड़ लिया और उन्हें वापस निर्धारित धरना स्थल इको गार्डन पर भेज दिया. मुख्यमंत्री से मिलने के लिए काफी अधिक संख्या में 69000 शिक्षक भर्ती मामले के अभ्यर्थी अचानक सीएम आवास पहुंचे थे.


पूरी प्लानिंग के साथ मौके पर पहुंचे अभ्यर्थी
सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे ने अभ्यर्थी पूरी रणनीति के साथ मौके पर पहुंचे थे. इसी रणनीति के तहत वह पुलिस को चकमा देते हुए अचानक से सीएम आवास तक पहुंच गए. इसके लिए अभ्यर्थियों ने अलग-अलग दिशा से मौके पर पहुंचने की रणनीति बनाई थी. जिससे प्रदर्शनकारियों की बड़ी संख्या दिखाई न दे और पुलिस को इस बात का शक भी न हो. जब कुछ महिला अभियर्थी कालीदास मार्ग स्थित गेट के पास पहुंचकर बैरिकेडिंग तक पहुंचीं तो वहां पर मौजूद महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया.


प्रदर्शनकारियों को वापस छोड़ा गया ईको गार्डन
इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने अपनी जीप में बैठा कर उन्हें वापस इको गार्डन ले गई. इसके अलावा वहां मौके पर मौजूद आंदोलन में शामिल अन्य व्यक्तियों को भी पुलिस ने वापस ईको गार्डन पहुंचा दिया. हालांकि पुलिस ने इस दौरान उन अभ्यर्थियों की बात सुनी और उन्हें सीएम से मुलाकात का आश्वासन भी दिया है. इससे एक दिन पहले गुरुवार (12 अक्टूबर) को भी इन्हीं अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के आवास का घेराव किया था. 


क्या है मामला?
69000 शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, उनके घोषित हुए परिणामों में एक नंबर जोड़कर फिर से रिजल्ट जारी करने और नियुक्ति देने की मांग कर रहे हैं. यह सभी अभ्यर्थी पिछले 66 दिनों से इको गार्डन पार्क में पर धरना दे रहे थे. अभ्यर्थियों का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी विभाग मं उनकी सुनवाई नहीं हो रही है और विभाग के आला अधिकारी उन पर दबाव बनाकर इस धरने को समाप्त करने का दबाव बना रहे हैं. इसलिए मुख्यमंत्री से मिलकर वह अपनी बात रखना चाहते हैं. 


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