69,000 शिक्षक भर्ती मामलें में अभ्यर्थियों का लखनऊ में प्रदर्शन, कहा- 'हाईकोर्ट के फैसले का...'
UP Teacher Recruitment: हाई कोर्ट ने 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में फैसला सुनाते हुए यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी थी. वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने लखनऊ में फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है.
UP News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा फैसला सुनाया था. हाई कोर्ट की डबल बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी थी. वहीं यूपी सरकार से कोर्ट ने रिपोर्ट भी मांगी है. इसके साथ ही कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी किया है. बता दें कि 69000 शिक्षक भर्ती में शामिल आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी एक बार फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. अभ्यर्थी हाईकोर्ट लखनऊ के डबल बेंच से दिए गए फैसले का पालन किए जाने मांग करते हुए बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने धरने पर बैठ गये हैं.
वहीं लखनऊ में मंगलवार (20 अगस्त) की सुबह बेसिक शिक्षा निदेशालय के सामने लगभग 10 बजे से अभ्यर्थी यहां पहुंचना शुरू कर दिए थे. अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया है. सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें और आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीएम योगी ने क्या कहा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था. सीएम योगी ने इस फैसले पर मुहर लगाते हुए कहा था कि यूपी सरकार हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेगी. सीएम योगी ने इस मामले को लेकर एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि 69,000 शिक्षक भर्ती प्रकरण में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आज माननीय न्यायालय के निर्णय के सभी तथ्यों से मुझे अवगत कराया गया. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन एवं माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद की लखनऊ बेंच के निर्णय के आलोक में कार्रवाई करने हेतु विभाग को निर्देश दिए हैं.
अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा था निशाना
अखिलेश यादव हाईकोर्ट के फैसले के बाद इसे शिक्षक अभ्यर्थियों की संयुक्त जीत बताते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी थी. उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, 69000 शिक्षक भर्ती भी आखिरकार भाजपाई घपले, घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकार साबित हुई. यही हमारी मांग है कि नए सिरे से न्यायपूर्ण नई सूची बने, जिससे पारदर्शी और निष्पक्ष नियुक्ति संभव हो सके और प्रदेश में भाजपा काल मे बाधित हुई शिक्षा-व्यवस्था पुनः पटरी पर आ सके. हम नई सूची पर लगातार निगाह रखेंगे और किसी भी अभ्यर्थी के साथ कोई हकमारी या नाइंसाफी न हो, ये सुनिश्चित करवाने में कंधे-से-कंधा मिलाकर अभ्यर्थियों का साथ निभाएंगे.
ये भी पढ़ें: Uttarakhand News: वन दरोगा की पिटाई करने वाले सभी आरोपी गिरफ्तार, मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था वायरल