UP Teacher Recruitment: यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार को तीन महीने के अंदर नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद शिक्षकों का भविष्य अधर में है तो वहीं अब बांदा में कोऑपरेटिव बैंक ने शिक्षकों की टेंशन बढ़ा दी है. 


 यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में कोर्ट के फैसले का बाद सबसे ज्यादा टीचर परेशान हैं. उनकी नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. उनको ये समझ नहीं आ रही है कि उनकी नौकरी रहेगी या जाएगी. शिक्षक फिलहाल इसी सोच में हैं कि उनकी नौकरी का क्या होगा? क्या वह एक बार फिर से बेरोजगार हो जाएंगा या शिक्षक बने रहेंगे. इसी बीच बांदा में कोऑपरेटिव बैंक ने भी शिक्षकों को जोरदार झटका दे दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद बैंक ने शिक्षकों से लोन रिकवरी को लेकर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. 


हाईकोर्ट के फैसले के बाद बैंक ने शिक्षकों को दिया झटका 


यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाईकोर्ट के फैसले आते ही बांदा बैंक ने सहायक शिक्षकों से लोन की रिकवरी को लेकर निर्देश जारी किए हैं. दरअसल, यूपी में बैंक सहायक शिक्षकों से वसूली के लिए सक्रिय हो गए हैं. बैंक की तरफ से सहायक शिक्षकों को लोन देने पर रोक लगाए जा रहे हैं. जो शिक्षक लोन ले चुके हैं उनके ऊपर लोन वसूली का दबाव अगल से बनाया जा रहा है.  


कोऑपरेटिव बैंक के सचिव ने लिखा बैंक को पत्र


बांदा में कोऑपरेटिव बैंक की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया है. पत्र में सचिव की तरफ से शिक्षकों से लोन वसूली की बात कही गई है. साथ ही जब तक इस मामले में मामला फाइन न हो जाए, तब तक भुगतान नहीं किए जाने के आदेश भी दिए गए हैं. यूपी सहायक शिक्षक में जब तक मामला साफ न हो जाए, तब तक शिक्षकों को लोन देने से मना किया गया है. जगदीश चंद्रा, सचिव कॉपरेटिव बैंक बांदा ने एक पत्र के जरिए सभी बैंक शाखाओं को यह सूचित किया है. आदेश का पालन करने के लिए साफ-साफ कहा है. 


कोऑपरेटिव बैंक के सचिव ने बैंक को पत्र लिखा है, ''दिनांक 17.08.2024 के दैनिक समाचार पत्र में हजार हुए शिक्षकों की भर्ती में ना हाई कोर्ट के आदेश समाचार प्रकाशित हुआ है। यदि 69 हजार शिक्षकों ने से आप द्वारा ओ०वी० लिनिर/ऋण पर्सनल लोन या अन्य कोई भी स्वीकृत कर वितरित किया गया है, तो ऐसे शिक्षकों खाता का स्वयं परेशान कर तथा सूची तैयार कर बैंक की धन की सुरक्षा की दृष्टिगत रखते हुये समय वसूली की प्रभावी कार्यवाही समरत ऋण की ब्याज सहित शत-प्रतिशत वसूली करना सुनिश्चित करें। तथा जब तक स्थिति स्पष्ट हो जाय तब-तक उपरोक्त को को ओवी लिमिट ऋण घरगुनल लोन आदि कन कोई ऋण भुगतान न किया जाय.''


यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती पर हाईकोर्ट का फैसला


यूपी की 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले पर 16 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ की डबल बेंच ने बड़ा फैसला सुनाते हुए पूरी चयन सूची को ही रद्द कर दिया था. जस्टिस ए.आर. मसूदी और जस्टिस बृजराज सिंह की बेंच ने पूरी चयन सूची को रद्द करते हुए डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को निरस्त कर दिया था. सिंगल बेंच ने 8 मार्च 2023 को फैसला दिया था कि 69000 शिक्षक भर्ती 2020 की  लिस्ट को रद्द किया जाता है.


(बांदा से अजय निगम की रिपोर्ट) 


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