(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
69000 शिक्षक भर्ती अभ्यार्थियों का विरोध तेज, मंत्री संजय निषाद के आवास का किया घेराव
69000 Vacancy: आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए कर रहे हैं ताकि वो सीएम योगी से इसका समाधान कराएं.
UP 69000 Teachers Recruitment: हाई कोर्ट डबल बेंच का आदेश आने के बाद से लगातार 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. शुक्रवार को कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के आवास का घेराव किया। यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यार्थी जोरदार नारेबाजी करते हुए हाई कोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने व नियुक्ति दिए जाने की मांग की.
इससे पहले इन अभ्यर्थियों ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और राज्य कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास का घेराव कर चुके हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि इन सभी मंत्री नेताओं ने अभी तक केवल आश्वासन दिया है किसी के आश्वासन से कोई कार्यवाही होती नहीं दिख रही.
शिक्षक भर्ती अभ्यार्थियों ने जताई नाराजगी
आंदोलन व धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री योगी जी से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराये. हम सभी अभ्यर्थी पिछले 4 साल से सड़कों पर भटक रहे हैं अब कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन किया जाना चाहिए.
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है. लेकिन, सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है हम चाहते हैं की सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है.
पटेल ने कहा कि, कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है. हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे.
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