69,000 भर्ती मामले पर अभ्यर्थियों को अखिलेश यादव ने लिखी चिट्ठी, एक तीर से साधे दो निशाने
69,000 Vacancy मामले पर अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर बड़ा जुबानी हमला बोला है. अखिलेश ने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश की है.
UP 69,000 Vacancy News: 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अभ्यर्थियों को चिट्ठी लिखी है. सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने योगी सरकार पर जुबानी हमला बोला है. अखिलेश यादव ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं. अखिलेश ने इस चिट्ठी के जरिए अनारक्षित और आरक्षित वर्ग, दोनों वर्गों के अभ्यर्थियों को साधने की कोशिश की है.
कन्नौज सांसद ने कहा कि प्रिय शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों 69,000 शिक्षक भर्ती मामले में आप बरसते पानी में उनके सामने अपना स्वास्थ्य ख़राब न करें, जिनकी आँख का पानी मर चुका है. सच तो ये है कि भाजपा न पहले नौकरी देने के पक्ष में थी, न अब है. नयी सूची निकालने में देरी, दरअसल प्रभावित होने वाले दोनों पक्षों के साथ एक छल है. इससे चयनित होने वाले अभ्यर्थियों के साथ ही, जो निकाले जाएँगे उन सबका भी मानसिक उत्पीड़न निरंतर बढ़ रहा है.
अखिलेश यादव ने कहा कि आप दोनों पक्ष ये मानकर चलें कि ये सरकार किसी के साथ भी न्याय नहीं करनेवाली. कुरेद-कुरेदकर दूसरों की कमियाँ ढूँढकर बुलडोज़र चलवाने वाले भाजपाई अपनी सरकार की इतनी बड़ी धांधली के लिए किसका घर गिरवाएंगे? आप देखियेगा ये नियुक्तियाँ या तो सरकार की तरफ़ से हीलाहवाली से लड़े जानेवाले मुक़दमों शिकार हो जाएँगी या फिर लालफ़ीताशाही का. जिनका जीवन दान-चंदे व भ्रष्टाचार के बल पर चलता हो, वो क्या जानें कि एक घर-परिवार के लिए हर महीने मिलनेवाले ईमानदारी से कमाए वेतन का क्या महत्व है.
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प्रिय शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 4, 2024
69000 शिक्षक भर्ती मामले में आप बरसते पानी में उनके सामने अपना स्वास्थ्य ख़राब न करें, जिनकी आँख का पानी मर चुका है।
सच तो ये है कि भाजपा न पहले नौकरी देने के पक्ष में थी, न अब है। नयी सूची निकालने में देरी, दरअसल प्रभावित होने वाले दोनों… pic.twitter.com/1bOvQl0mav
'आपसे निवेदन है कि...'
सपा नेता ने लिखा कि एक बार फिर निवेदन है कि आप अपने घर, परिवार, माता-पिता, बच्चों व जनता को अपने साथ लेकर ये संघर्ष करें, जिससे शायद इन हृदयहीन-असंवेदनशील भाजपाइयों में ये डर पैदा हो कि वो जहाँ जाएंगे, वहाँ उन्हें विरोध झेलना पड़ेगा, तो हो सकता है, वो कूटनीति छोड़कर सच में दोनों पक्षों को नौकरी दे पायें. यही सच्चा और सही इंसाफ़ होगा. ध्यान रखें कि भाजपा सरकार दोनों पक्षों को आमने-सामने करके, आपके आंदोलन को अंदर से कमज़ोर करने व तोड़ने की अपनी परंपरागत नीति में सफल न हो.
यूपी के पूर्व सीएम ने लिखा इसलिए सलाह है कि एक नयी तरह की एकजुटता दिखाएं और सफलता पाएं! ऐसे लोगों से उम्मीद रखना बेमानी है, ‘जिनकी’ आँख का मर गया पानी है' आपके संघर्ष में आपके साथ!