Supreme Court On 69,000 Vacancy: उत्तर प्रदेश में 69,000 भर्ती मामले में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से जवाब मांगा है.


इस मामले पर समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले प्रतिक्रिया दी है. सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट !! पिछड़ो को इंसाफ़ के लिए अभी लंबी क़ानूनी लड़ाई लड़नी पड़ेंगी !! समाजवादी पार्टी 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़ो के साथ मज़बूती से खड़ी है !!






सपा नेता आईपी सिंह ने कहा कि आज साबित हो गया कि भाजपा घोर आरक्षण विरोधी है. योगी सरकार दलित वंचित शोषित पिछड़े वर्ग का आरक्षण लूट कर सवर्णों को दे दिया. यूपी में 69000 शिक्षक भर्ती, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई. देश में जातिगत जनगणना भी नहीं होने देगी.


इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद से ही आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी यूपी की राजधानी लखनऊ में अलग-अलग नेताओं के सरकारी आवासों का घेराव कर मांग कर रहे थे कि सरकार सुप्रीम कोर्ट न जाए और इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को लागू करे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला लागू करने के लिए तीन महीने का वक्त दिया था.






आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भारतीय जनता पार्टी की यूपी इकाई के मुखिया भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, योगी सरकार में काबीना मंत्री ओम प्रकाश राजभर, कैबिनेट मंत्री संजय निषाद, कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल, केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल के आवास का घेराव किया था.


23 सितंबर को अगली सुनवाई
इस मामले में अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी. अगली सुनवाई में सभी पक्ष अपना लिखित बयान दाखिल करेंगे.


आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की मांग है कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट न जाए. जिन अधिकारियों ने पुरानी लिस्ट बनाई थी उनकी बर्खास्तगी हो और नई लिस्ट नए अधिकारियों से बनवाई जाए. 


वाराणसी- दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस से सफर करने वालों के लिए बुरी खबर, आज नहीं चलेगी ट्रेन