School Reopening News: यूपी में स्कूल खोलने के आदेश के बाद निजी स्कूलों के फैसले ने अभिभावकों को मुश्किल में डाल दिया है. असल में 80 फीसदी निजी स्कूलों ने अब ऑनलाइन क्लासेज न चलाने का फैसला लिया है. यानी अभिभावक चाहें या न चाहें बच्चों को स्कूल भेजना मजबूरी होगी. 16 अगस्त से स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के आदेश के बाद अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश की जनरल बॉडी के मेंबर्स स्कूलों की आपसी बैठक हुई. एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि इसमे ये सामने आया है कि 80 फीसदी स्कूल ऑनलाइन क्लासेज नहीं चलाएंगे. सिर्फ ऑफलाइन क्लासेज का संचालन होगा. अनिल अग्रवाल के अनुसार सिर्फ 10 फीसदी स्कूल ऑफलाइन और ऑनलाइन यानी कि हाइब्रिड मॉडल में कक्षाओं का संचालन करेंगे. जबकि 10 फीसदी स्कूल ऐसे भी हैं जो अभी सिर्फ ऑनलाइन क्लासेज चलाएंगे. यानी 16 अगस्त से ऑफलाइन के लिए विद्यालय नहीं खोलेंगे. निजी स्कूलों के फैसले से अभिभावकों को बड़ा झटका लगा है. 


असल में शासन ने ऑनलाइन क्लासेज को लेकर अंतिम निर्णय लिए स्कूलों पर छोड़ा था. मीटिंग में ये भी फैसला हुआ की जिन विद्यालयों में छात्र संख्या ज्यादा है वहीं पर दो शिफ्ट में विद्यालय चलेगा. नहीं तो एक ही शिफ्ट में विद्यालयों का संचालन किया जाएगा. स्कूलों में लंच ब्रेक, मॉर्निंग असेंबली नहीं करवाई जाएगी. अनिल अग्रवाल ने कहा जहां तक उनके स्कूल की बात है तो शुरू के 15 दिन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से क्लास चलेंगी. सितंबर से ऑनलाइन क्लास बंद करेंगे.


अभिभावक बच्चों को नहीं भेजना चाहते- महेंद्र सिंह


जिन स्कूलों ने फिलहाल सिर्फ ऑनलाइन क्लास चलाने का फैसला लिया है उनमें से एक है लखनऊ का लामार्टिनियर गर्ल्स कॉलेज. इसकी प्रिंसिपल आश्रिता दास ने कहा कि उन्होंने अपने यहां पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से सर्वे किया था. इसमे सामने आया कि 75 फीसदी से अधिक अभिभावक अभी बच्चों को रेगुलर क्लास के लिए नहीं भेजना चाहते. वो ऑनलाइन पढ़ाई चाहते हैं. आश्रिता दास ने कहा कि अभिभावकों के फीडबैक और बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए फिलहाल सिर्फ ऑनलाइन क्लास चलाएंगे. उन्होंने कहा कि स्कूल के सभी टीचर्स की ऑनलाइन क्लास के लिये स्पेशल ट्रेनिंग करायी गयी है.


निजी स्कूलों के फैसले पर अभिभावक कल्याण समिति के अध्यक्ष महेंद्र सिंह का कहना है कि सरकार ने इनको फ्री हैंड दिया जिसका खामियाजा बच्चों और अभिभावकों को भुगतना पड़ सकता है. महेंद्र सिंह ने कहा कि जो 10 फीसदी स्कूल अभी ऑफलाइन क्लास शुरू नहीं कर रहे वो बड़े प्रतिष्ठित स्कूल हैं. उनका साफ कहना है कि अभिभावक बच्चों को नहीं भेजना चाहते. यही हालात उन 80 फीसदी स्कूलों में भी हैं जो अब सिर्फ ऑफलाइन क्लास चलाएंगे. लेकिन शासन से छूट के बाद वो मनमानी पर हैं.


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