उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा आपराधिक छवि के विधायकों से भरी हुई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 2017 के मुकाबले आपराधिक छवि वाले ज्यादा विधायक 15 फीसदी अधिक चुने गए हैं. इसमें सबसे ज्यादा बीजेपी के हैं. दूसरे नंबर पर सपा और तीसरे नंबर पर रालोद हैं.
51 फीसदी पर गंभीर मामले दर्ज
यूपी की 403 विधानसभा सीट से जीते विधायकों में 205 यानि लगभग 51 फीसदी पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं से संबंधित अपराध जैसे संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं. 2017 में चुनाव जीतकर आए विधायकों में 36 फीसदी आपराधिक छवि वाले थे.
एडीआर की रिपोर्ट में क्या है
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के 255 विधायकों में से 111 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. दूसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी है जिसके 111 विधायकों में 71 और राष्ट्रीय लोकदल के 8 में से 7 विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं. जीते हुए 158 विधायकों ने नामांकन करते वक्त अपने हलफनामे में गंभीर आपराधिक मामलों का जिक्र किया था. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 205 में से 5 विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या के मुकदमे चल रहे हैं. 29 विधायकों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है तो एक विधायक पर दुष्कर्म का भी आरोप है. छह विधायक ऐसे हैं जिन पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले दर्ज हैं.
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