UP News: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Government) ने वकीलों को लेकर बड़ा फैसला लिया है. वकीलों के हितों को ध्यान में रखते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट (Advocate Protection Act) को लागू किए जाने संबंधी उनकी मांग पर विचार करते हुए योगी सरकार ने तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है. यह समिति एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल के अलग-अलग पहलुओं पर विचार-विमर्श कर अपनी संस्तुति राज्य विधि आयोग के सामने आवश्यकता और उचित कार्रवाई के लिए प्रस्तुत करेगी. इस समिति में यूपी बार काउंसिल (UP Bar Council) के अध्यक्ष की ओर से नामित सदस्य शामिल होंगे.
दूसरी तरफ हापुड़ जिले में पिछले महीने वकीलों पर हुए कथित लाठीचार्ज के विरोध में लखनऊ, गाजियाबाद और हापुड़ सहित कुछ दूसरे जिलों में वकील मंगलवार को भी न्यायिक कार्य से विरत रहे. यूपी बार काउंसिल की ओर से 14 सितंबर को लखनऊ में मुख्य सचिव से बातचीत के बाद हड़ताल वापस लिए जाने के बावजूद वकीलों की हड़ताल जारी है. बार काउंसिल के फैसले के बाद जहां लखनऊ बार एसोसिएशन अपनी हड़ताल जारी रखे हुए हैं, वहीं गाजियाबाद के वकील भी सोमवार से हड़ताल में शामिल हो गए.
लखनऊ बार एसोसिएशन की बैठक में हुआ ये फैसला
लखनऊ बार एसोसिएशन के महासचिव कुलदीप नारायण मिश्रा ने बताया कि मंगलवार को एसोसिएशन की आम सभा की बैठक हुई, जिसमें वकीलों ने 21 सितंबर तक न्यायिक कार्य से विरत रहने और उसी दिन अपनी भविष्य की रणनीति तय करने का फैसला किया. वहीं दीवानी अदालत अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि गोरखपुर में वकीलों ने मंगलवार को हड़ताल जारी रखी. वकील बुधवार से अपना काम फिर से शुरू करेंगे. गोरखपुर में वकील 30 अगस्त से हड़ताल पर हैं.
अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम की मांग रहेगी जारी
मनोज पांडे ने बताया कि वकीलों ने अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम की अपनी मांग जारी रखने का भी फैसला लिया. इसके लिए हर शनिवार को विरोध प्रदर्शन होगा. वकीलों की हड़ताल 29 अगस्त को हापुड़ में एक महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस की ओर से उन पर लाठीचार्ज किए जाने के बाद शुरू हुई थी.
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