UP Politics: उत्तर प्रदेश ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख शौकत अली ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर एक विवादित बयान दिया है. यूपी एआईएमआईएम अध्यक्ष शौकत अली ने कहा कि मंदिर में घंटा बजाने वाला आदमी यूपी का मुख्यमंत्री है, वह जो बोल देता है वह कानून बन जाता है. कानून का राज यूपी में कहीं नहीं दिखता है. इसके साथ एआईएमआईएम नेता ने योगी सरकार की आलोचना करते हुए राज्य में कानून की स्थिति पर सवाल उठाया है.
मुरादाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए यूपी एआईएमआईएम अध्यक्ष शौकत अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आप अंदाजा लगा सकते हैं की हमारे देश के प्रधानमंत्री ने कहा की उन्होंने 35 साल भीख मांगी और स्टेशन पर चाय बेची लेकिन राजनीति ने उन्हें यह ताकत दी की वह व्यक्ति रात को देश के टेलीविजन पर खड़ा होकर बोलता है कि आज से हजार पांच सौ का नोट रद्दी कागज हुआ. आप बताइये मंदिर के एक पुजारी और मस्जिद के एक इमाम की कितनी इज्जत है यह आप और हम सब जानते हैं उनकी इज्जत मस्जिद और मंदिर तक ही रहती है. आप देखिये एक मंदिर का घंटा बजाने वाला मंदिर का पुजारी उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री है और वह जो कह देता है उसके मुंह से निकली हुई बात कानून बन जाती है. भाई घर गिरादो तो गिर गया फिर कानून का राज कहां है, कहां अदालतें हैं. भाई कोई जुर्म साबित नहीं हुआ उस से पहले आप उसका घर गिरा दे रहे हैं.
मस्जिदों में पांच वक्त की नमाज पर लगा दी जाएगी पाबंदी
शौकत अली ने कहा कि बस कह दिया की घर गिरा दो तो गिर गया तो फिर ऐसे तो बीजेपी में ऐसे कई लोग हैं जिन पर आरोप हैं. खुद मुख्यमंत्री पर कई मुकदमे हैं, मेरे दोस्तों मेरे बुजुर्गो मैं जहां तक समझा हूं इस देश में अपने अस्तित्व के लिए आपको लड़ना है अपने धर्म, अपने मदरसों, अपनी मस्जिदों, अपने बीबी बच्चों और अपने कारोबार सुरक्षित रखना चाहते हैं तो आपके पास राजनीति के अलावा कोई रास्ता नहीं है. अब हालात का तकाजा ये है हम अपना सियासी प्लेटफॉर्म बना कर अपनी लड़ाई खुद नही लड़ेंगे तो आने वाला कल हमारे बच्चों को अपनी पहचान को मिटा कर जीना पड़ेगा. वहीं उन्होंने मौलाना नदवी का हवाला देते हुए कहा कि अगर मुसलमान सियासत से दूर रहेगा, तो वो दिन दूर नहीं कि तुम्हारी मस्जिदों में पांच वक्त की नमाज भी पाबंदियां लगा दी जाएगी. शौकत अली यहीं नहीं रुके, उन्होंने सामने बैठे अपने मुस्लिम कार्यकर्ताओं को दिल्ली के बाटला हाउस कांड की याद दिलाते हुए कहा है कि उस समय आजमगढ़ के मुस्लिम बच्चों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी थी, जो आज तक बरकरार है.