UP Air Pollution: उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे शहर नोएडा (Noida), गाजियाबाद (Ghaziabad) में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है. सोमवार को हवा में प्रदूषण का स्तर 400 के पार यानी बेहद गंभीर हालत में दिखाई दे रहा है. गाजियाबाद का लोनी शहर सबसे ज्यादा प्रदूषित जिलों में है. यहां का एक्यूआई 490 के स्तर पर पहुंच गया है और PM 2.5 के स्तर तक पहुंच गया है. नोएडा-ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) का भी यही हाल है. चारों तरफ स्मॉग की चादर दिखाई दे रही है, जिसमें सांस लेने भी मुश्किल है. शहर की विजिबिलिटी महज 600 मीटर के आसपास ही है.
यूपी के कई जिलों में हवा में प्रदूषण बढ़ रहा है. जिसकी शुरुआत अक्टूबर महीने के आखिर से ही हो गई थी. ये हालत तब है जब अभी ठीक से सर्दियों की शुरुआत भी नहीं हो पाई है और अभी से हवा में धूल के कण और धुआं बढ़ने लगा है. ऐसे में आने वाले दिनों में हवा और भी ज्यादा खराब हो सकती है.
बेहद गंभीर श्रेणी में गाजियाबाद, नोएडा की हवा
गाजियाबाद के लोनी में हवा का एक्यूआई लेवल 490 तक पहुंच गया है जो गंभीर श्रेणी में आता है. नोएडा में एक्यूआई लेवल 450 और पीएम का स्तर 2.5 तक है, ग्रेटर नोएडा में 449 एक्यूआई लेवल बना हुआ है और हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर स्थिति में बना हुआ है. नोएडा की हवा में पीएम 10 का स्तर 639 मिलीग्राम प्रति घन मीटर है. गाजियाबाद में हवा में पीएम 2.5 का स्तर 430 मिलीग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया है.
लखनऊ समेत इन जिलों का हाल
राजधानी लखनऊ की हवा भी ज्यादा साफ नहीं है. लखनऊ के लालबाग इलाके में हवा का एक्यूआई लेवल 342 दर्ज दिया गया है और हवा की गुणवत्ता बेहद खराब स्थिति में है. कानपुर में एक्यूआई लेवल 283, बागपत में 342 एक्यूआई लेवल, हापुड़ में एक्यूआई लेवल 358, मेरठ में हवा का एक्यूआई लेवल 376 और मुजफ्फरनगर में हवा का एक्यूआई लेवल 319 तक पहुंच गया है. जो हवा की गुणवत्ता की श्रेणी में बेहद खराब स्थिति में आता है.
देश के 33 सबसे प्रदूषित शहरों में सात शहर यूपी के शामिल हैं. इनमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर शामिल हैं. हवा में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए मरीजों को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है. अब सिर्फ हवा का ही सहारा है, अगर हवा चलती है तो ही प्रदूषण थोड़ा कम हो सकता है, जिसके लिए अभी और इंतजार करना होगा.
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