UP News: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बीते शुक्रवार को गंगा नदी में प्रदूषण के मामले में एक आदेश पारित किया है. कोर्ट ने कहा है कि राज्य के विभिन्न विभागों के मध्य असहयोग की वजह से अदालत के सामने भ्रम की स्थिति बनी हुई है. जस्टिस मनोज गुप्ता, जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की पीठ ने कहा कि हमने देखा है कि अलग-अलग विभाग, नोडल और कार्यकारी एजेंसियों के बीच समन्वय नहीं है जिससे काफी भ्रम की स्थिति बन रही है. वहीं इन विभागों के लिए वकील भी अलग-अलग हैं.


अदालत ने कहा कि यदि अपर महाधिवक्ता राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं तो हम उम्मीद करते हैं कि उन्हें राज्य सरकार के दायरे में आने वाले सभी मामलों की पूरी जानकारी होनी चाहिए. राज्य के मुख्य सचिव इसकी समीक्षा करें और भ्रम दूर करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें.


गंगा जल की शुद्धता के संबंध में अदालत ने कहा कि आईआईटी कानपुर की ओर से रिपोर्ट अभी आनी बाकी है और हमें बताया गया है कि उनकी ओर से कुछ और समय मांगा गया है जिससे वे जांच पूरी कर अपेक्षित रिपोर्ट दे सकें. कोर्ट ने बताया कि हम उनका अनुरोध स्वीकार करते हैं और सुनवाई की अगली तारीख तक रजिस्ट्रार जनरल के माध्सीयम से सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपने की अनुमति देते हैं.  साथ ही गंगा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और आईआईटी बीएचयू की ओर से दो अन्य रिपोर्ट, आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट के साथ उसी दिन खोली जाएगी.


गंगा किनारे शवदाह को लेकर कोर्ट ने ये कहा


गंगा नदी के किनारे शवदाह के संबंध में प्रयागराज नगर निगम के नजरिए से असंतुष्ट अदालत ने कहा कि हम इस मुद्दे पर नगर निगम की सोच का समर्नथन नहीं करते. बेशक धार्मिक आस्थाओं की वजह से कुछ ही लोग बिजली वाले शवदाहगृह का लाभ उठाते हैं, लेकिन हमें लगता है कि यदि उचित सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और लोगों को जागरूक किया जाए तो अधिक से अधिक लोग इन सुविधाओं की ओर आएंगे.


अदालत ने अपर मुख्य सचिव (नगर विकास) को इस मामले को देखने और नगर के दो बिजली वाले शवदाहगृहों की सुविधाओं मे सुधार के संबंध में योजना पेश करने का निर्देश दिया है.वहींं प्लास्टिक के उपयोग के प्रश्न पर प्रयागराज के मंडल आयुक्त ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि 15 जुलाई, 2018 के सरकारी आदेश के मुताबिक प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लागू करने के लिए एडीएम (नगर), अपर नगर आयुक्त और पुलिस अधीक्षक (नगर) की एक समिति बनाई गई है.


अब अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर, 2021 को करेगी.


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