UP News: इन दिनों उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कवि भी पक्ष-विपक्ष में कविताएं कहते नजर आ रहे हैं. एक धड़ा सरकार से सवाल पूछने, तो दूसरा धड़ा उसका जवाब देने में लगा है. दोनों धड़ों को अक्सर टीवी की डिबेट में लड़ते देखा गया है. आखिर इसकी क्या वजह है. इस मुद्दे को लेकर कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने सरकार के पक्ष में कविताएं लिखने के सवाल पर कहा कि जो भी चीज अच्छी और बुरी लगी है, उसे कविताओं के माध्यम से दर्पण की तरह लिखा है. फर्क यह आया है कि पहले लोग इसे समान्य रूप से लेते थे. अब लोग प्रतिक्रिया देने लगे हैं, जिससे यह हाइलाइट होने लगी है. वरना व्यवस्था के पक्ष-विपक्ष की बात पहले भी कही गई है.


कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने कहा कि जो पार्टी, संस्था और देश के साथ खड़ी है, मेरी लेखनी, मेरी कलम उसके साथ खड़ी है, मैं राष्ट्रभक्ति की बात करती हूं. अगर कोई राष्ट्रभक्ति कर रहा है, तो मैं खुलकर उसकी प्रशंसा करने में विश्वास करती हूं. पहले भी कवि सरकार की आलोचना करते थे, लेकिन अब पार्टी बंदी होने की वजह पूछे जाने पर अनामिका जैन अंबर ने कहा कि मैं पहले भी कविता के माध्यम से आलोचना और प्रशंसा करती रही हूं. हो सकता है कुछ लोगों ने इसे प्रायोजित किया हो. मैं कोई अचानक से बनी हुई कवयित्री नहीं हूं. जैसे कुछ लोग अचानक से कंट्रोवर्सी करके चमकना चाहते हैं.


20 सालों से मंचों पर कर रही हैं कविता का गायन
कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने कहा कि मैं लगभग 20 सालों से मंचों पर कविताओं का गायन कर रही हूं. मेरा बहुत लंबा अनुभव मंच का है. मैंने कवि युद्ध नामक शो का संचालन किया है. कवि पर सरकार बनने का प्रभाव पड़ता है. कवियों में दो तरह के लोग हो सकते हैं. एक सरकार के पक्ष, दूसरे विपक्ष में होते हैं. हमें उसके साथ खड़ा होना है जो भारत की संस्कृति की रक्षा में खड़ा है. सरकार में लोग कम पड़ रहे, इसलिए आपको ढाल बनाने के जवाब में अनामिका ने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है. मैं उसे कह रही हूं. मेरी तरफ से यह कोई प्रायोजित नहीं है.


कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने सरकारी कवि की उपाधि पर उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के कार्यों की प्रशंसा आदि कवि महर्षि वाल्मीकि ने की. पृथ्वीराज चौहान का हौसला बढ़ाने का काम चंद्रबरदाई ने किया. अगर युद्ध के समय चंद्रबरदाई आलोचना करते, तो क्या उन्हें सफलता मिलती. कवि वो भी हुए हैं, जिन्हे राष्ट्रधर्म के लिए राजा के प्रोत्साहन के गीत लिखने पड़े.उन्हें समय-समय पर मार्गदर्शन दिया. राष्ट्रभक्ति करना सरकारी है, तो मैं सरकारी हूं. भारतीय संस्कृति की रक्षा करने वाले का साथ देना सरकारी है, तो मैं हूं.


'विकास तेज गति से हो रहा'
इसी के साथ अनामिका जैन अंबर ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं पिछड़े जिले बुंदेलखंड से आती हूं, पिछली सरकारों के एजेंडे में बुंदेलखंड का विकास नहीं था, लेकिन अब देखें. विकास तेज गति से हो रहा है. एक तरफ से कोविड की लाचारी को दर्शाया गया, लेकिन विकास को नहीं दिखाया. इसलिए मुझे गीत लिखने पड़ा. दूसरा सरकार बनने के बाद मैने वीडियो जारी किया. मैं देश बचाने और संस्कृति बचाने के साथ खड़ी हूं. मैने कोई झूठा गीत नहीं गया. वीडियो देखें तब समझ में आ जाएगा. 


एक कवि को सरकार की आलोचना करने पर नोटिस के सवाल में कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने कहा कि कुछ छोटे रास्ते के सहारे बड़ा बनना चाहते हैं. जिसको काम से मतलब हो, इस प्रकार की छोटी हरकत क्यों करेगा. इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कहना है.अगर नोटिस ही भेजनी होती, तो इन्होने इससे पहले भी सरकार के बारे बहुत बुरा कह रखा है.उस पर कुछ नहीं हुआ है.इस बारे में उन्होंने चार पंक्तियां लिखी है जो इस प्रकार से हैं: बुरा बुरे को कहा है, हमने भला भले को बोला, सुन ले देश पर दांव लगाकर, कभी न खुद को तोला जिनको लगते हम सरकारी, होली खेलें मिलके यारो छोड़ो दुनिया दारी.


बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव- 2022 से ही अनामिका अंबर ने गायिका नेहा सिंह राठौर के गीत यूपी में का बा का जवाब देते हुए यूपी में बाबा है गीत से खूब चर्चित हुई थीं.एक बार फिर उन्होंने नेहा सिंह राठौर के यूपी में का बा के जवाब में यूपी में बाबा है का नया वीडियो रिलीज किया है.जहां नेहा सिंह राठौर अपने भोजपुरी अंदाज से सरकार से सवाल करती नजर आती हैं, तो अनामिका अपने बुंदेलखंडी अंदाज में सरकार के तारीफों का पुल बांधती नजर आ रही हैं.


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