लखनऊ: यूपी में इस साल का पहला विधानसभा सत्र विपक्ष के जोरदार हंगामे प्रदर्शन के साथ शुरू हुआ. विपक्ष का हंगामा सत्र शुरू होने से पहले ही चालू हो गया था. सपा, कांग्रेस, बसपा सभी ने विधानसभा परिसर में प्रदर्शन किया.
सदन शुरू होने से पहले ही सपा के विधायक व एमएलसी ट्रेक्टर से गन्ना लेकर विधानसभा पहुंचे. गेट नंबर 1 से जब उन्हें एंट्री नहीं दी गयी तो सुनील सिंह साजन समेत कई एमएलसी गेट फांदकर अंदर आये. हंगामा बढ़ता देख गेट खोला गया. इसके बाद सपा विधायकों ने विधानभवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने किसान पंचायत का बैनर लेकर प्रदर्शन किया. नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर फेल है और किसानों को भी गन्ना मूल्य का बकाया भुगतान नही हो रहा. पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर हैं.
200 किसानों की जान जा चुकी है- आराधना मिश्रा
वहीं कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा, एमएलसी दीपक सिंह समेत अन्य विधायकों ने भी किसानों, कानून व्यवस्था, महंगाई के मुद्दे पर प्रदर्शन किया. आराधना मिश्रा हल लेकर विधानसभा पहुंचीं. उन्होंने कहा कि इस सरकार की नीतियों की वजह से 200 किसानों की जान जा चुकी है.
एक तरफ जहां सपा और कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला तो वहीं दूसरी ओर बसपा से निलंबित बागी विधायक अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते नज़र आये. विधायक हाकिम लाल बांध ने कहा कि उनका विरोध पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि उसकी नीतियों के खिलाफ है. तो विधायक असलम राइनी ने कहा कि पार्टी महासचिव सतीश मिश्र की वजह से ये हालात बने हैं. अगर अब भी नही संभले तो 2022 में पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है. इनके साथ मुज्तबा सिद्दीकी, हरगोविंद भार्गव, असलम अली भी विधानसभा अध्यक्ष से मिले और कहा कि पार्टी के 9 विधायकों को बसपा विधान मंडल दल की बैठक में नही बुलाया गया. ये संख्या पार्टी के बाकी बचे विधयकों से अधिक है. ऐसे में उन्होंने अलग से बैठने की मांग रखी.
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