UP Assembly By Election 2024: उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी पूरी ताकत लगाए हुए हैं. वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी डील फाइनल मानी जा रही हैं, हालांकि इन दोनों पार्टियों की तरफ से अभी सीटों को बंटवारे को लेकर कोई भी ऑफिशियल बयान सामने नहीं आया है. फिर भी माना जा रहा है कि सपा-कांग्रेस गठबंधन लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन के आधार पर ही उपचुनाव में उतरेगा. इस आधार पर यूपी उपचुनाव की 10 सीटों में से सपा 8 और कांग्रेस दो सीटों पर चुनाव लड़ सकती है.
सपा इन सीटों पर उतार सकती है अपने उम्म्मीदवार
यूपी की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें से सपा जिन 8 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है उसमें कटेहरी (अंबेडकरनगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (अयोध्या), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), मझवां (मिर्जापुर), सीसामऊ (कानपुर नगर), खैर (अलीगढ़) और कुंदरकी (मुरादाबाद) सीट है.
कांग्रेस इन सीटों पर उतार सकती है उम्मीदवार
कांग्रेस यूपी की गाजियाबाद और प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर उम्मीदवार उतार सकती है. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गाजियाबाद और प्रयागराज की लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ी थी. जिसमें कांग्रेस ने 1984 के बाद जीत दर्ज की है और इस आधार को लेकर कांग्रेस फूलपुर सीट पर चुनाव लड़ सकती है. वहीं गाजियाबाद सीट पर कांग्रेस भले ही चुनाव हार गई हो लेकिन इस सीट पर कांग्रेस की डोली शर्मा दूसरे नंबर पर रहीं थी.
उत्तर प्रदेश की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होना है उसमें से 5 सीटों पर सपा, 1 सीट पर रालोद और 4 सीट पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी. वहीं अगर रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा सीट से मनोज पांडेय के इस्तीफा के बाद भी इस सीट पर उपचुनाव हो सकता है, हालांकि अभी इस सीट के खाली होने का अधिसूचना जारी नहीं हुई थी.
सपा-कांग्रेस गठबंधन को लोकसभा चुनाव में मिला फायदा
बता दें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया था. इस चुनाव में सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल की, जो साल 2019 की तुलना में 32 सीट अधिक हैं. वहीं दूसरी तरफ बीजेपी सिर्फ 33 सीट पर सिमटकर रह गई, जो पिछले चुनाव से 29 सीट कम है.
हाल के लोकसभा चुनावों में सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल की, जो 2019 की तुलना में 32 सीट अधिक हैं. दूसरी ओर बीजेपी सिर्फ 33 सीट पर सिमटकर रह गई, जो पिछले चुनाव से 29 सीट कम है.
सपा के पास थीं 5 सीटें
बता दें कि अखिलेश यादव के कन्नौज से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद करहल (मैनपुरी) विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. वहीं कटेहरी (अंबेडकरनगर) सीट सपा के लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद खाली हुई है. इसके साथ ही सपा नेता अवधेश प्रसाद के अयोध्या से लोकसभा के लिए चुने जाने के कारण उन्हें मिल्कीपुर (अयोध्या) सीट से इस्तीफा देना पड़ा. वहीं सपा नेता जिया उर रहमान बर्क की मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट उनके संभल से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद खाली हुई है. समाजवादी पार्टी के इरफान सोलंकी की कानपुर नगर की सीसामऊ विधानसभा सीट, एमपी/एमएलए अदालत द्वारा सात साल की कैद के मद्देनजर उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के बाद रिक्त घोषित कर दी गई.
रालोद के पास थी एक सीट
राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान ने बिजनौर से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.
बीजेपी के पास थीं चार सीट
बीजेपी के अतुल गर्ग ने गाजियाबाद से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद गाजियाबाद विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. बीजेपी के विनोद कुमार बिंद ने भदोही से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया. बीजेपी के अनूप सिंह उर्फ अनूप प्रधान बाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा सीट से चुने जाने के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही बीजेपी के प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा सीट से लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है.
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