लखनऊ: नवंबर महीने में आम लोगों के लिए जहां त्योहारों का सीजन है तो वहीं सियासी दल के लोगों के लिए यह महीना पॉलिटिकल फेस्टिवल साबित होने जा रहा है, क्योंकि नवंबर महीने में पहले विधानसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव होना है. फिर उसके बाद राज्यसभा की 10 सीटों पर वोटिंग होनी है. निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को राज्यसभा की 10 सीटों पर होने वाले चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी.
एक तरफ जहां 14 नवंबर को दीपावली का त्यौहार मनाया जाएगा तो वहीं सियासी दलों के लोगों के लिए इस महीने में चुनावी त्यौहार मनाने के कई मौके आने जा रहे हैं. 3 नवंबर को प्रदेश की विधानसभा की 7 सीटों जिनमें बुलंदशहर, अमरोहा की नौगांव सादात, कानपुर की घाटमपुर सीट, देवरिया, फिरोजाबाद की टूंडला सीट, उन्नाव की बांगरमऊ सीट और जौनपुर की मल्हनी सीट पर उपचुनाव होना है. इन चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आएंगे.
राज्यसभा चुनाव की भी तारीखों का ऐलान
वहीं निर्वाचन आयोग ने आज राज्यसभा चुनाव की भी तारीखों का ऐलान कर दिया है. नवंबर में उत्तर प्रदेश की राज्यसभा की 10 सीटें खाली हो रही है. इनमें चंद्रपाल सिंह यादव, जावेद अली, अरुण सिंह, नीरज शेखर, पीएल पुनिया, हरदीप सिंह पुरी, रवि प्रकाश वर्मा, राजाराम, प्रोफेसर रामगोपाल यादव और वीर सिंह की सीट खाली हो रही है. राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी दिन 27 अक्टूबर है. और नाम वापसी की आखिरी तारीख 2 नवंबर है. वहीं इन चुनाव के लिए 9 नवंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक विधानसभा के तिलक हॉल में ही वोट डाले जाएंगे और नतीजे भी 9 नवंबर को उसी दिन आ जाएंगे.
वहीं नवंबर महीने में ही उत्तर प्रदेश में शिक्षक स्नातक कोटे से होने वाले एमएलसी के चुनाव भी संभावित हैं. प्रदेश की 11 सीटों पर शिक्षक स्नातक एमएलसी चुनाव होने हैं. दरअसल इनका कार्यकाल मई में ही खत्म हो गया था लेकिन कोविड-19 के चलते चुनाव को आगे के लिए टाला गया और अब गृह विभाग की ओर से एक प्रस्ताव राज्य निर्वाचन आयोग को इन चुनाव के लिए भेजा गया है. जिन पर राज्य निर्वाचन आयोग जल्द फैसला लेकर नई तारीखों का ऐलान कर सकता है. ऐसे में सियासी दलों के लिए नवंबर का यह पूरा महीना पॉलिटिकल फेस्टिवल साबित होने जा रहा है.
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