UP By Election 2024: उत्तर प्रदेश की 10 विधान सभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए सभी राजनितिक दल अपनी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं. इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुरादाबाद की कुंदरकी विधान सभा सीट पर 27 अगस्त को दौरा प्रस्तावित है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 अगस्त को कुंदरकी विधान सभा पर एक जनसभा को संबोधित करेंगे और विकास योजनाओं का लोकार्पण एंव शिलन्यास भी कर सकते हैं.


मुख्यमंत्री के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियों में जिला प्रशासन जुट गया है. बरसात के मौसम को देखते हुए मुंडापाण्डेय थाना इलाके में हवाई अड्डे के पास ही जनसभा स्थल चिन्हित किया गया है ताकि अगर बरसात हो तो कार्यक्रम में कोई व्यवधान न पड़े. मुख्यमंत्री कुंदरकी विधान सभा के मतदाताओं के लिए सरकारी योजनाओं का तोहफा दे सकते हैं. मुख्यमंत्री भाजपा के दिवंगत पूर्व सांसद कुंवर सर्वेश सिंह की याद में एक स्मृति द्वार और कोई बड़ा ऐलान मुरादाबाद की जनता के लिए कर सकते हैं. 


सीएम योगी कुंदरकी के लिए कर सकते हैं बड़ा ऐलान
कुंदरकी विधान सभा सीट ज़ियाउर्रहमान बर्क के संभल से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुई है इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 65 प्रतिशत से भी अधिक बताई जाती है. इस सीट पर 1993 में सिर्फ एक बार भाजपा को जीत हासिल हुई थी तब बिलारी विधान सभा सीट भी कुंदरकी विधान सभा सीट में ही शामिल थी. इस बार उपचुनाव में भाजपा यहाँ से जीत हासिल करने के लिए बड़ी तैयारी में है, इसके लिए चार मंत्रियों की प्रभारी बनाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रस्तावित कार्यक्रम से माना जा रहा है कि इस बार कुंदरकी में जीत हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं.


उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधान सभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं उनमे कुंदरकी, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और मिल्कीपुर सपा के पास थीं और फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थीं, जबकि मुजफ्फर नगर की मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के पास थी. अब देखना यह होगा की 27 अगस्त को मुख्यमंत्री कुंदरकी विधान सभा सीट पर कमल खिलाने के लिए कौनसा बड़ा ऐलान करते हैं. भाजपा और सपा में कुंदरकी सीट से टिकिट पाने के लिए नेता अपने अपने अपने दावे भर रहे हैं जबकि बसपा और कई अन्य दल भी इस बार उपचुनाव में अपने प्रत्याशी खड़े करने का ऐलान कर चुके हैं. अब देखना यह होगा की सपा के गढ़ में मुख्यमंत्री भाजपा को जीत दिलाने के लिए कौन सी रणनीति अपनाते हैं.