(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP News: सीएम योगी का अखिलेश पर पलटवार- 'बीजेपी सरकार में लड़के हैं गलती कर देते हैं वाली सोच नहीं'
UP Latest News: विधानसभा में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ा हमला बोला है.
UP Politics: यूपी विधानसभा में मंगलवार को कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में तीखी नोंक झोंक हुई. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी सरकार अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है. उन्होंने नाम न लेते हुए मुलायम सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी की सरकार में ये नहीं कहा जाता कि लड़के हैं गलती कर देते हैं. यूपी में 18वीं विधानसभा के प्रथम सत्र के दूसरे दिन विधानमंडल में राजनीति दलों के नेताओं ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा की.
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों को लेकर सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने चंदौली, प्रयागराज और ललितपुर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ सर्वाधिक अपराध हो रहे हैं.
अखिलेश यादव के सवालों का सीएम योगी ने दिया ये जवाब
मुख्यमंत्री योगी ने नेता प्रतिपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस के तहत कार्रवाई हो रही है. चुस्त दुरूस्त कानून व्यवस्था के मसले पर देश में यूपी आज नंबर वन है इसलिए जनता ने हमें दूसरी बार मौका दिया है. सरकार अपराधियों के खिलाफ अभियान जारी रखेगी, हत्या, लूट, दुष्कर्म जैसी घटनाओं में कमी आई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव के दौरान और उसके बाद भी कुछ लोगों ने शाति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की थी लेकिन उसे नाकाम किया गया. उन्होंने बिना किसी दल या नेता का नाम लिए कहा कि कुछ लोगों की अच्छे ढंग से गर्मी शांत हो रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है पिछले पांच साल से यूपी में कही दंगा नहीं हुआ, कोई कर्फ्यू नहीं लगा.
कानून व्यवस्था के मामले में यूपी बना नजीर
कानून व्यवस्था के मामले में यूपी एक नजीर बना, एक लाख से ज्यादा लाउस्पीकर उतरवाए गए, सड़कों पर अलविदा की नमाज नहीं होने दी गई और सारे धर्मों के पर्व शांति पूर्वक संपन्न कराए गए. यही नहीं अपराधियों माफियाओं की कमर तोड़ने की गरज से दो हजार करोड़ की संपत्ति जब्त की गई. इस मौके पर उन्होंने आजमगढ़ में जहरीली शराब से हुई मौतों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस घटना का मुख्य आरोपी के संबंध समाजवादी पार्टी से थे.
उन्होंने कहा कि इसी तरह की कई घटनाओं में एक दल विशेष के लोगों की संलप्तिता पाई गई. उन्होंने इस मौके पर यह भी कहा कि कानून व्यवस्था की दुहाई देने वाले दल यह न भूले कि उनके नेता ने कहा था कि लड़के हैं लड़कों से गलती हो जाती है.
इससे पूर्व कार्य स्थगन के प्रस्ताव के पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था का उल्लेख करते हुए कहा कि जीरों टालरेंस की बात करने वाली सरकार में जितनी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं वह सरकार के दावे को खोखला साबित करने के लिए काफी है.
कहा कि सदन में राज्यपाल के अभिभाषण करने से एक दिन पूर्व ही 19 साल की एक लड़की के साथ दुष्कर्म जैसी घटना हुईं, महिला अपराधों में इस समय यूपी नंबर वन है गंभीर घटनाओं में भी सरकार संवेदनशील नहीं है. कानून-व्यवस्था की दुहाई देने वाली सरकार में दो दिन पूर्व रामपुर के एक थाने में बीजेपी कार्यकर्ता की पिटाई कर दी गई.
अपने भाषण के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस वक्तव्य का भी उल्लेख किया. जिसमें उन्होंने कहा था कि कार्यकर्ता दलाली बंद कर दें अधिकारियों को मैं सुधार दूंगा, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की इस स्वीकारोक्ति से स्पष्ट है कि पिछले पांच साल से यूपी में दलाली चल रही थी, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि पुलिस प्रशासन को खुली छूट दे दी गई है जो दबिश के नाम पर दबंगई दिखा रही है.
कार्य स्थगन के जरिए ही सुभासपा विधान मंडल दल के नेता ओम प्रकाश राजभर ने गाजीपुर में अपने ऊपर हुए हमले का मामला उठाते हुए कहा कि वहां का पुलिस और जिला प्रशासन अपराधियों के साथ खड़ा है, पीड़ित होने के बावजूद पुलिस ने मेरे खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया है. इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि महानिरीक्षक कानून व्यवस्था की रिपोर्ट के अनुसार उल्लिखित मामले में जांच चल रही है इस पर ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उन्हें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है इसलिए इसकी जांच किसी दूसरी एजेंसी से कराई जाए. उनकी इस मांग को सरकार ने खारिज कर दिया.
विधानसभा में आज बजट सत्र की समयअवधि कम किए जाने का मामला सपा सदस्य मनोज पांडे व लालजी वर्मा ने उठाते हुए कहा कि बजट सत्र के दिन कम करके लोगों को अपनी बात रखने से वंचित कर रही है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि बजट सत्र की अवधि कम किए जाने का मुद्दा उठाने वाले दलों को याद रखना चाहिए कि उन्होंने अपनी सरकारों में कितने दिन बजट सत्र चलाया था.
संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि अभी तक कार्य मंत्रणा समिति की बैठक के अनुसार आगामी 28 जून तक सदन की कार्यवाही चलने का कार्यक्रम निर्धािरत है लिहाजा विपक्ष के सदस्यों का अभी से बजट सत्र कम किए जाने की शंका निर्मूल है.
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