उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) अगले साल होने हैं. सत्तारूढ बीजेपी (BJP) एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए जो लगा रही है. वहीं उसे यूपी की सत्ता तक पहुंचने से रोकने में सपा (Samajwadi Party), बसपा (BSP), कांग्रेस (Congress) और अन्य छोटे दल लगे हुए हैं. बीजेपी ने 2017 के चुनाव में शानदार प्रदर्शन करते हुए 312 सीटें अकेले के दम पर जीत ली थीं. आइए जानते हैं कि उस चुनाव किन 5 सीटों पर जीत-हार का अंतर 1 लाख या उससे अधिक वोटों का था.
सबसे अधिक वोटों के अंतर से बीजेपी ने कौन सी सीट जीती
पिछले चुनाव में जीत-हार का अंतर सबसे अधिक दिल्ली से सटे गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट पर था. वहां बीजेपी के सुनील कुमार शर्मा ने कांग्रेस के अमरपाल शर्मा को 1 लाख 50 हजार 685 वोटों के अंतर से हराया था. सुनील शर्मा को 2 लाख 67 हजार 741 और अमरपाल शर्मा को 1 लाख 12 हजार 56 वोट मिले थे.
प्रतापगढ़ की कुंडा सीट उत्तर प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीटों में से एक है. इस हाई प्रोफाइल बनाते हैं वहां के विधायक रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया. वो 1993 से लगातार इस सीट से चुनाव जीत रहे हैं. वह भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर. कुंडा में राजा भैया ने 2017 के चुनाव में बीजेपी के जानकी शरण को 1 लाख 3 हजार 647 वोट के अंतर से हराया था. राजा भैया को 1 लाख 36 हजार 597 और जानकी शरण को 32 हजार 950 वोट मिले थे.
मथुरा में बीजेपी के मिले बंपर वोट
हार-जीत के अंतर के मामले में तीसरे नंबर पर हमीरपुर जिले की राठ सीट थी. राठ सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी की मनीषा अनुरागी ने कांग्रेस के गयादीन अनुरागी को 1 लाख 4 हजार 643 वोट के अंतर से मात दी थी. मनीषा को 1 लाख 47 हजार 526 और गयादीन को 42 हजार 883 वोट मिले थे.
चौथे नंबर पर नोएडा सीट थी. शहरी मतदाताओं वाली नोएडा सीट पर बीजेपी के पंकज सिंह ने सपा के सुनील चौधरी को 1 लाख 4 हजार 16 वोट के अंतर से हराया था. पंकज सिंह को 1 लाख 62 हजार 417 और सुनील चौधरी को 58 हजार 401 वोट मिले थे. पंकज सिंह केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र हैं.
मथुरा में भी बीजेपी ने 1 लाख से अधिक के अंतर से जीत दर्ज की थी. मथुरा विधानसभा सीट पर बीजेपी के श्रीकांत शर्मा ने कांग्रेस के प्रदीप माथुर को 1 लाख 1 हजार 161 वोट के अंतर से हराया था. श्रीकांत को 1 लाख 43 हजार 361 और प्रदीप को 42 हजार 2 सौ वोट मिले थे. जीतने के बाद श्रीकांत शर्मा को प्रदेश कैबिनेट में जगह दी गई.
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