(Source: Poll of Polls)
UP Election 2022: सोनभद्र जिले के 69 गांवों में नहीं है मोबाइल का नेटवर्क, मतदान के लिए प्रशासन ने की है यह तैयारी
UP Election 2022: देश के चार राज्यों की सीमाओं से घिरे सोनभद्र जिले में कुल और चार विधानसभा क्षेत्र हैं. आदिवासी बुहल इस जिले की है आबादी करीब 20 लाख है. इसमें लगभग 13 लाख 59 हजार मतदाता हैं.
सोनभद्र. 21वीं सदी में दुनिया चांद पर बसने की सोच रही है. वहीं सोनभद्र (Sonbhadra) जिले में आज भी मोबाइल नेटवर्क से अछूते हैं कई गांव. विधानसभा चुनाव 2022 में सोनभद्र की दो लाख से अधिक की आबादी डिजिटल चुनाव से अछूती रहेगी. जिले के 69 गांव ऐसे हैं जहां मोबाइल नेटवर्क की कोई व्यवस्था नहीं है. मोबाइल नेटवर्क न होने से इन गांवों में एंड्रॉयड फोन भी कम नजर आते हैं. इन इलाकों में विधानसभा चुनाव के सातवें चरण में सोमवार को मतदान कराया जाएगा.
किस विधानसभा क्षेत्र में कितने गांव बिना मोबाइल नेटवर्क के हैं
देश के चार राज्यों की सीमाओं से घिरे सोनभद्र जिले में कुल और चार विधानसभा क्षेत्र हैं. आदिवासी बुहल इस जिले की है आबादी करीब 20 लाख है. इसमें लगभग 13 लाख 59 हजार मतदाता हैं. इस बार विधानसभा चुनाव में कोरोना के कारण जनसभाओं के साथ साथ डिजिटल प्रचार पर जोर रहा. ऐसे में इस बार का चुनाव पूरी तरह डिजिटल हो गया. राजनीतिक दलों ने अपने आईटी सेल से प्रत्याशियों के लिए इंटरनेट पर प्रचार-प्रसार किया. लेकिन सोनभद्र के इन 69 गांवों के दो लाख से अधिक मतदाता इस बार इस डिजिटल चुनाव प्रचार से अछूते रहे. मोबाइल नेटवर्क न होने से उन्हें चुनाव को लेकर जानकारी भी नहीं मिल पा रही है.
उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला बिहार , झारखंड , छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा से सटा है. सीमावर्ती गांव जंगलों व पहाड़ों से आच्छादित हैं. इसमें मध्य प्रदेश की सीमा से सटे ओबरा विधानसभा क्षेत्र के कन्हरा, निंगा, परासपानी, फफराकुंड, करी, जुगैल, चंचलिया आदि गांव शामिल हैं. वही झारखंड और छत्तीसगढ़ सीमा से सटे दुद्धी विधानसभा क्षेत्र के बरखोरहा , कुदरी , कासीवाखड , बोधाडीह , बासिन , घिचोरवा , करहिया , गुलरिया , भक्तिनिया , औरादंडी आदि गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं हैं. राबर्ट्सगंज विधानसभा क्षेत्र के नगवां ब्लाक के गांवों में भी मोबाइल का नेटवर्क नहीं है.घोरावल विधानसभा ही एकमात्र विधानसभा है जहां कोई भी मतदान बूथ मोबाइल नेटवर्क से अछूता नहीं है.इस जिले की चारों विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों को इस बार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत भी करनी पड़ रही है.
बिना मोबाइल नेटवर्क वाले गांवों में कैसे होगा मतदान
जिले की चार विधानसभा के 88 मतदान केंद्रों को मोबाइल नेटवर्क विहीन केंद्र के रूप में चिन्हित किया गया है. इन केंद्रों पर लगभग एक लाख से ज्यादा मतदाता शैडो करेंगे मतदान.इन बूथों पर रेडियो टेलीफोनी सिस्टम बनेगी नेटवर्किंग का माध्यम. विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. सोनभद्र में मतदान से जुड़े अधिकारियों और सुरक्षा से जुड़े लोगों में संवाद-निर्देश के आदान-प्रदान के लिए रेडियो वायरलेस सेट का प्रयोग किया जाएगा. इसके लिए संबंधित मतदान बूथों के क्षेत्र को शैडो एरिया के रूप में चिन्हित किया गया है. उसी के मुताबिक मोबाइल नेटवर्क से अछूते गांव-एरिया स्थित मतदान बूथों पर और उसके आसपास में संचार सेवा के रूप में रेडियो वायरलेस सेट की सेवा अपनाई जाएगी.
ग्रामीणों का कहना है कि जुगैल थाना क्षेत्र के कई गांव ऐसे है जहाँ मोबाइल या किसी भी प्रकार का नेटवर्क नहीं रहता है.खरहरा के पूर्व ग्राम प्रधान रामविलास, स्थानीय ग्रामीण वकील और सूरज ने बताया कि उन्हें मोबाइल का नेटवर्क न होने की वजह से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मोबाइल रखना बेकार है यहाँ किसी कंपनी का नेटवर्क नहीं रहता जिससे कभी एम्बुलेंस या पुलिस की जरूरत होती है तो हम लोगों को संपर्क करने के लिए पेड़ पर या उचे पहाड़ पर चढ़ना पड़ता है. इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कई उच्च अधिकारियों से की, लेकिन कोई नतीजा नही निकला. उन्होंने बताया कि जब चुनाव में अधिकारी आते हैं तो उन्हें भी पहाड़ पर या पेड़ पर ही चढ़कर फोन मिलाना पड़ता है.
पुलिस के वायरलेस सेट से होगा सूचना का आदान-प्रदान
सहायक निर्वाचन अधिकारी जगरूप ने बताया कि जिले में 55 मतदान केंद्रों के 88 बूथ पर मोबाइल का नेटवर्क काम नहीं करता है. ऐसे इलाकों में करीब एक लाख मतदाता इससे प्रभावित होंगे. उन्होंने बताया कि इन इलाको में वायरलेस सेट का इस्तेमाल किया जाएगा. ये सेट पुलिस थानों के वायरलेस सेट से कनेन्ट रहेंगे. हर मतदान केंद्र पर वायरलेस युक्त मोटरसाइकिल मौजूद रहेगी. यह सेक्टर मजिस्ट्रेट से कनेक्ट रहेगी और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगी.
बीएसएनएल के एसडीओ ने बताया कि हमारे टॉवर लगे हैं पर जनरेटर में तेल और ऑपरेटर की कमी है जो उस टॉवर को ऑपरेट कर सके इस लिए ये समस्या बरकरार है. वही प्राइवेट कंपनियों को उन इलाकों में फायदा नही हो पा रहा है जिससे उन्होंने अपना नेटवर्क उन इलाकों से हटा दिए हैं. इस वजह से पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस बार ऐसे मतदान केन्द्र बढ़ गए हैं. राबर्ट्सगंज विधानसभा में 20, ओबरा विधानसभा में 56 और दुद्धी विधानसभा में 12 मतदान बूथों को शैडो एरिया के रूप में पहचान की गई है.
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