UP Election 2022: सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को, यहां जानें आजमगढ़ की 6 प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों का चुनावी समीकरण
UP Polls 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के सातवें चरण का मतदान 7 मार्च को होने वाला है. यहां जानें आजमगढ़ की 6 विधानसभा क्षेत्रों में क्या है चुनावी समीकरण?
UP Polls 2022: यूपी विधानसभा का चुनाव अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है. अब आगामी सात मार्च को सातवें और अंतिम चरण का मतदान होने वाला है. गुरुवार को छठे चरण का मतदान भी हो गया. ऐसे में एक नजर डालें आजमगढ़ की 6 विधानसभा क्षेत्रों के चुनावी समीकरण पर जहां सात मार्च को मतदान होने वाला है.
निजामाबाद विधानसभा सीट
निजामाबाद विधानसभा सीट 1996 से समाजवादी पार्टी के पास है लेकिन 2007 से 2012 के बीच यह सीट बीएसपी के पास थी. आलम बदी आजमी सीट से चार बार विधायक रहे. पांचवी बार वह 2022 में भी समाजवादी टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. सीट पर बहुजन समाज पार्टी ने डॉक्टर पीयूष यादव को प्रत्याशी बनाया है. चुनाव के पूर्व तक पीयूष यादव बीजेपी में थे लेकिन बीजेपी ने उनको टिकट नहीं दिया और वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
वहीं बीजेपी ने इस सीट पर मनोज यादव को प्रत्याशी बनाया है.
UP Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान समाप्त, शाम 5 बजे तक 53.31 फीसदी वोटिंग
गोपालपुर विधानसभा सीट
गोपालपुर विधानसभा सीट वैसे तो समाजवादी पार्टी की मजबूत सीट है. 1996 से लगातार समाजवादी पार्टी का सीट पर कब्जा है. 2007 से 2012 तक इस सीट पर बसपा विजय रही. वसीम अहमद 1996, 2002 और 2012 तक 3 बार इस सीट से विधायक रहे हैं और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री भी रहे. 2017 में समाजवादी पार्टी ने इस पर प्रत्याशी में बदलाव कर नफीस अहमद को टिकट दिया. वह चुनाव जीतकर विधायक बने. बीजेपी ने अपने पूर्व प्रत्याशी श्रीकृष्ण पाल को बदलते हुए सत्येंद्र राय को इस सीट पर प्रत्याशी बनाया है. बसपा ने सीट से रमेश यादव को प्रत्याशी बनाया. पिछले चुनाव को देखा जाए तो गोपालपुर सीट पर समाजवादी पार्टी मजबूत रही है.
फूलपुर पवई विधानसभा सीट
फूलपुर पवई विधानसभा सीट की बात करें तो 2017 में यह सीट बीजेपी के पास थी. यहां से बीजेपी की टिकट पर अरुण कांत यादव विधायक चुने गए. इनके पिता रमाकांत यादव इस समय समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 2017 में रमाकांत यादव बीजेपी में थे. 2019 में अटकलें थी कि रमाकांत यादव सपा से प्रत्याशी बनेंगे और उनके पुत्र अरुण कांत यादव बीजेपी से चुनाव लड़ेंगे लेकिन समाजवादी पार्टी ने जैसे ही रमाकांत यादव को प्रत्याशी बनाया. बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया और यहां से रामसूरत राजभर को प्रत्याशी बनाया. बसपा ने इस सीट पर शकील अहमद को प्रत्याशी बनाया.
दीदारगंज विधानसभा सीट
दीदारगंज विधानसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर 2017 में सुखदेव राजभर विधायक चुने गए. 2021 में उनका देहांत हो गया. देहांत के पूर्व उन्होंने अपने पुत्र कमलाकांत राजभर को सपा की सदस्यता दिलाई थी. इसके बाद लग रहा था कि इस सीट पर समाजवादी पार्टी की टिकट पर कमला कांत राजभर चुनाव लड़ सकते हैं वैसा ही सपा ने इनको इस पर प्रत्याशी बनाया. बसपा ने इस सीट पर भूपेंद्र सिंह मुन्ना को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं बीजेपी ने 2017 में कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा को प्रत्याशी बनाए. इस सीट पर रोचक मुकाबला दिख रहा है.
मुबारकपुर विधानसभा सीट
मुबारकपुर विधानसभा सीट 1996 से लगातार बसपा के पास है. जिले में सबसे मजबूत बसपा की सीट के तौर पर देखी जाती है. 2012 में बसपा ने शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को प्रत्याशी बनाया था. वह चुनाव जीते. 2017 में भी शाह को ही बसपा ने प्रत्याशी बनाया और चुनाव जीते और उनको बसपा ने विधानमंडल का नेता बनाया लेकिन 25 नवंबर को किसी बात को लेकर उन्होंने बसपा से इस्तीफा दे दिया उनकी नजदीकी अखिलेश यादव के साथ देखी जाने लगी चर्चा तेज हुई कि वह मुबारकपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे लेकिन सपा ने इनको टिकट नहीं दिया.
शाह आलम एआईएमआईएम की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं. वहीं बसपा ने इस सीट पर पूर्व विधायक अब्दुस्सलाम को प्रत्याशी बनाया और बीजेपी ने इस सीट पर अरविंद जयसवाल को प्रत्याशी बनाया. इस सीट पर मुस्लिम वोटर्स सबसे ज्यादा है ऐसे में मुस्लिम वोटरों का बिखराव समाजवादी पार्टी, बसपा और एआईआईएम के साथ होता है तो इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता. मुबारकपुर में चुनाव की तस्वीर अभी साफ नहीं है. सभी प्रत्याशी अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
अतरौलिया विधानसभा सीट
अतरौलिया विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने संग्राम यादव को प्रत्याशी बनाया है. संग्राम यादव 2012 में इस सीट से विधानसभा का चुनाव जीते और फिर 2017 में भी समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधायक चुने गए. इस बार समाजवादी पार्टी ने पुनः इनको प्रत्याशी बनाया है. बीजेपी और निषाद पार्टी गठबंधन से प्रशांत सिंह प्रत्याशी बनाये गये हैं जो राजनीति में पहली बार दिख रहे हैं. राजनीतिक तौर पर उनकी क्षेत्र में कोई पहचान नहीं है. वहीं बसपा ने अतरौलिया क्षेत्र के मशहूर चिकित्सक डॉक्टर सरोज पांडे को अपना प्रत्याशी बनाया है जो कई वर्षों से बसपा के लिए काम कर रहे थे लेकिन चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं.
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