उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के चौथे चरण का मतदान आज हो रहा है. इस चरण में 59 सीटों पर मतदान कराया जा रहा है. इन सीटों पर कुळ 624 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें से 31 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं. फतेहपुर की खागा सीट से आम आदमी पार्टी (AAP)के उम्मीदवार विजय कुमार गौतम इसमें अपवाद हैं. उन्होंने अपनी संपत्ति शन्य दिखाई है. 


मतदाताओं को लेकर क्या कहा


गौतम ने 'इंडियन एक्सप्रेस' अखबार से कहा कि मतदाता अब समझदार हो गए हैं. वो दिन गए जब मतदाताओं को खरीद लिया जाता था. अब लोग असली मुद्दों पर मतदान करते हैं. नामांकन पत्र के साथ दाखिल हलफनामे में गौतम ने अपनी संपत्ति शून्य दिखाई है. उनके पास न तो कोई चल संपत्ति है और न कोई अचल. इसी सीट से चुनाव लड़ रहे सपा, बसपा और बीजेपी के उम्मीदवारों की संपत्ति सवा करोड़ से 6 करोड़ रुपये के बीच है. 


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उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए 2017 में हुए चुनाव में जीते 403 उम्मीदवारों में से 322 करोड़पति थे. गौतम का कहना है कि उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे अन्य दलों के उम्मीदवारों की तुलना में उनका चुनाव प्रचार सभ्य था. वो कहते हैं कि लोग उन्हें जानते हैं. उनके समर्थकों ने अपने सामर्थ्य के मुताबिक मदद की है. उन्होंने बताया कि इस तरह से उन्होंने करीब 3 लाख रुपये प्रचार के लिए जुटाए. 


बसपा छोड़कर आए हैं आम आदमी पार्टी में


वो कहते हैं, '' मैंने तीन साल तक बसपा के लिए काम किया. बाद में लोग शिक्षा और स्वास्थ्य पर अरविंद केजरीवाल के नजरिए की बात करने लगे. इसके बाद मैंने आप में जाने का फैसला किया. जब चुनाव आया तो लोगों ने मेरा समर्थन करने का फैसला किया. वो जानते हैं कि मेरे पास कुछ नहीं है. लोग बदलाव चाहते हैं. यह उन्हें केजरीवाल के नजरिए में नजर आ रहा है.''


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तीन बच्चों के पिता गौतम बताते हैं कि वो अपने खेतों में काम करके वो अपना गुजर-बसर करते हैं. ये खेत उनके पिता के नाम पर हैं. इस चुनाव में जीत की संभावना के सवाल पर वो कहते हैं कि जब आप बीज बोते हैं, उसी दिन आप फल की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.इसमें समय लगता है. उन्हें उम्मीद है कि 20 हजार लोग उनके पक्ष में मतदान करेंगे. 


राजनीति में आने का लक्ष्य क्या है


राजनीति में आने के सवाल पर गौतम कहते हैं कि कॉलेज के समय से ही राजनीति उनके बहुत करीब थी. ग्रेजुएशन की पढ़ाई के दौरान एक विषय राजनीति शास्त्र भी था. वो कहते हैं कि मैं दूसरे काम भी कर सकता था लेकिन राजनीति ही वो जरिया है जिससे समाज को  अन्याय से बचाकर पिछड़े समुदायों को राहत दी जा सकती है. स्कूल बनवाकर और स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम कर यह किया जा सकता है. उनका लक्ष्य भी यही है.