समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)ने कहा है कि 2022 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनते ही किसान आंदोलन के शहीदों को 25 लाख रुपये की 'किसान शहादत सम्मान राशि' दी जाएगी. सपा प्रमुख ने कहा कि किसान का जीवन अनमोल होता है क्योंकि वो ‘अन्य’ के जीवन के लिए ‘अन्न’ उगाता है.


नरेंद्र मोदी की सरकार वापस लेगी कानून


नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन पिछले करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं. किसान संगठनों का दावा है कि इस दौरान 700 से अधिक किसानों की मौत हुई. किसान संगठनों ने मरने वाले किसानों को शहीद का दर्जा दिया है. कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने पिछले करीब एक साल से दिल्ली की सीमाओं को घेर रखा है. 






प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को देश को संबोधित किया था. इसमें उन्होंने घोषणा की थी कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है. उन्होंने बताया था कि इसकी प्रक्रिया 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में शुरू की जाएगी.


किसानों से सपा को क्या है उम्मीद?


अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसान आंदोलन एक बड़ा मुद्दा है. समाजवादी पार्टी की कोशिश किसानों की बीजेपी से नाराजगी की भुनाने की है. अखिलेश यादव की इस घोषणा को इसी कोशिश का हिस्सा माना जा रहा है.राजनीति के जानकारों का कहना है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश एक ऐसा इलाका है, जहां का मुख्य पेएशा कृषि है. वहां बीजेपी को लेकर लोगों में नाराजगी है. इसका बीजेपी को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नुकसान होगा. इसकी एक झलक इस साल अप्रैल-मई में हुए पंचायत चुनावों में नजर आई थी. इन चुनावों में बीजेपी को सपा से कड़ी टक्कर हुई थी. इस वजह से कई जगह बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था.


इसे बरकार रखने के लिए समाजवादी पार्टी हर कोशिश कर रही है. वह पश्चिम उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल से गठबंधन को लेकर बातचीत कर रहे हैं. दोनों दलों की बातचीत अंतिम चरण में है. दोनों दल सीटों के बंटवारे की घोषणा अगले कुछ दिनों में कर सकते हैं.