समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के विधानसभा चुनाव लड़ने या न लड़ने पर संशय अभी भी बरकरार है. इस महीने के शुरू में न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अखिलेश के हवाले से खबर दी थी कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. लेकिन कुछ घंटे बाद ही समाजवादी पार्टी ने इसका खंडन कर दिया था. पार्टी का कहना था कि अखिलेश के चुनाव लड़ने या न लड़ने का फैसला पार्टी करेगी. अब अखिलेश ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी कहेगी तो वो चुनाव जरूर लड़ेंगे. अखिलेश यादव ने यह बात एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में कही है. उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता बीजेपी का सफाया करना है.


सपा प्रमुख का उद्देश्य क्या है? 


चुनाव लड़ने वाली खबर पर अखिलेश ने कहा कि वह बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया था. अगर समाजवादी पार्टी फैसला करेगी तो वह चुनाव लड़ेंगे. अखिलेश यादव ने यह बात गाजीपुर में सपा की एक रैली में की. अखिलेश यादव अभी आजमगढ़ से लोकसभा के सांसद हैं. वो तीन बार कन्नौज से भी सांसद रह चुके हैं. उनकी पत्नी डिंपल यादव अभी कन्नौज की सांसद हैं. अखिलेश यादव ने अभी तक विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है. साल 2012 में जब वो मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने विधान परिषद की सदस्यता ली थी. 


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गाजीपुर में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की ज्यादतियों का परिणाम बीजेपी को भुगतना होगा. उन्होंने कहा कि हाथरस गैंग रेप, लखीमपुर में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने और कासगंज में कथित तौर पर पुलिस हिरासत में हुई एक युवक की मौत जैसी घटनाओं की वजह से लोग बीजेपी के खिलाफ वोट करेंगे.  


अखिलेश यादव ने 2022 के चुनाव के लिए ओमप्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, महान दल और कुछ अन्य छोटे दलों से समझौता किया है. सपा ने इस चुनाव के लिए बड़े दलों से समझौता करने से परहेज किया. राजभर ने पिछला चुनाव बीजेपी के साथ लड़ा था. उसे चार सीटें मिली थीं. ओमप्रकाश राजभर दो साल तक योगी आदित्यनाथ की सरकार में मंत्री भी रहे. 


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