विधानसभा के चुनाव में राजधानी लखनऊ की एक सीट पर बीजेपी के कई नेताओं की नजर लगी हुई है. ये सभी नेता इस सीट से टिकट मांग रहे हैं. लेकिन पार्टी ने अभी तक यह फैसला नहीं किया है कि इस सीट से उम्मीदवार कौन होगा. हम बात कर रहे हैं लखनऊ कैंट सीट की. दरअसल इस सीट पर 1991 से बीजेपी जीतती आ रही है. 


बीजेपी के कौन कौन से नेता मांग रहे हैं टिकट


बीजेपी ने इस सीट पर 2017 के चुनाव में कांग्रेस छोड़कर आईं रीता बहुगुणा जोशी को उम्मीदवार बनाया था. सीटिंग विधायक सुरेश चंद्र तिवारी का टिकट काटकर उन्हें टिकट दिया गया था. बहुगुणा 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुगुणा सांसद चुनी गईं. इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव कराना पड़ा. बीजेपी ने इस बार सुरेश चंद्र तिवारी को उम्मीदवार बनाया था. वो जीते भी.


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अब जब 2022 का चुनाव हो रहा है तो बीजेपी के कई नेताओं की नजर इस सुरक्षित सीट पर लगी हुई है. बीजेपी के टिकट को इस सीट से जीत का गारंटी माना जाता है. कहा जा रहा है कि रीता बहुगुणा जोशी इस  बार अपने बेटे मयंक जोशी के लिए इस सीट से टिकट मांग रही हैं. वहीं हाल ही में सपा छोड़कर बीजेपी में आईं अपर्णा बिष्ट यादव भी इस सीट से टिकट की दावेदार हैं. वो 2017 में इस सीट से चुनाव लड़ चुकी हैं. इन दोनों के अलावा वर्तमान विधायक सुरेश चंद्र तिवारी के नाम की भी चर्चा है.  लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया अपनी बहू रेशू भाटिया के लिए इस सीट से टिकट मांग रही हैं. संयुक्ता के पति सतीश भाटिया इस सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं. 


उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी लड़ सकते हैं चुनाव


बीजेपी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उनके शहर गोरखपुर से चुनाव का टिकट दिया है. वहीं उपमुख्यमंत्री को उनके घर सिराथू से टिकट दिया गया है, लेकिन दूसरे उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा की उम्मीदवारी पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. कहा यह जा रहा है कि चुनाव लड़ने की स्थिति में दिनेश शर्मा की नजर भी लखनऊ कैंट सीट पर ही लगी हुई है.


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ऐसे में बीजेपी के लिए लखनऊ कैंट सीट से उम्मीदवार तय करना आसान नहीं होगा. अब यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि इस सीट से बीजेपी किस नेता को टिकट देती है और किसके सिर पर जीत का ताज रखा जाता है.