अपना दल (एस) ने रविवार को एक बड़ा राजनीतिक टर्न लेते हुए  हैदर अली खान को अपना उम्मीदवार घोषित किया. वो रामपुर की स्वार सीट से चुनाव लड़ेंगे. माना जा रहा है कि इसी सीट से सपा नेता आजम खाने के बेटे अब्दुल्ला आजम भी चुनाव लड़ेंगे. हालांकि सपा ने अभी तक उनके उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की है. हैदर अली खान रामपुर के नवाब खानदान से ताल्लुक रखते हैं. उन्हें इसी सीट से पहले कांग्रेस ने भी 13 जनवरी को टिकट देने की घोषणा की थी. 


बीजेपी की सहयोगी ने दिया मुसलमान को टिकट


उत्तर प्रदेश में पहली बार बीजेपी की गठबंधन सहयोगी पार्टी ने किसी मुसलमान को टिकट दिया है. अपना दल ने यह घोषणा ऐसे समय में की है जब बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे को लेकर कोई घोषणा नहीं की है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 1991 से लेकर 2016 तक केवल 8 मुसलमानों को टिकट दिया था. वहीं 2017 के चुनाव में तो उसने एक भी मुसलमान को टिकट नहीं दिया था.


अपना दल ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब आजम खान ने यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए अंतरिम जमानत के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. स्वार से अपना दल के उम्मीदवार घोषित किए गए हैदर अली खान का संबंध रामपुर के नवाब परिवार से है. उनके दादा जुल्फिकार अली खान रामपुर से 5 बार और दादी बेगम नूर बानो 2 बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए. वहीं उनके पिता नवाब काजिम अली खान चार बार विधायक रहे हैं. काजिम अली इस साल रामपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं.


हैदर अली खान का यूटर्न


अपना दल(एस) के उम्मीदवार ने भी चुनाव के ठीक पहले यूटर्न लिया है. उन्हें पहले स्वार विधानसभा सीट से कांग्रेस ने 13 जनवरी को प्रत्याशी घोषित किया था. लेकिन फिर वो अचानक दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल से मिले. इसके बाद उन्हें आधिकारिक तौर पर स्वार सीट से ही अपना दल का प्रत्याशी घोषित किया गया है. 


आजम खान के बेटे की शिकायत


आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम 2017 में स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर जीते थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला आजम की विधायकी इस आधार पर रद्द कर दी कि नामांकन के समय उनकी उम्र 25 साल से कम थी. इसकी शिकायत नवाब काजिम अली खान ने की थी. कई दूसरों मामलों में उन्हें फरवरी 2020 में गिरफ्तार कर लिया गया था. उसी समय से वो जेल में थे. वो जमानत पर 15 जनवरी की रात सीतापुर जेल से रिहा हुए हैं. माना जा रहा है कि स्वार सीट से समाजवादी पार्टी अब्दुल्ला आजम को फिर से टिकट दे सकती है. अगर सपा उन्हें टिकट देती है तो स्वार की लड़ाई काफी दिलचस्प हो जाएगी.


आजम खां रामपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं और फरवरी 2020 से वो भी तमाम आरोपों के तहत जेल में बंद हैं. वहीं उनकी पत्नी और रामपुर सदर सीट से सपा की विधायक तंजीन फातिमा भी जेल में बंद थीं. वो दिसंबर 2020 में जमानत पर जेल से बाहर आई थीं.