उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly Election 2022) का चुनाव अगले साल होना है. हैदराबाद से अपनी राजनीति शुरू करने वाली आल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) (AIMIM) भी यूपी में ताल ठोक रही है. इसके प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा है कि उनकी पार्टी यूपी में 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उनकी नजर मुसलमान (Muslim) और दलित (Dalit) वोट बैंक पर है. ओवैसी ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राजस्थान विधानसभा का भी चुनाव लड़ेगी. आइए जानते हैं कि हैदराबाद से निकली इस पार्टी ने किन किन राज्य में अपना विस्तार किया है. एआईएमआईएम की स्थापना 1927 में हुई थी. हैदराबाद लोकसभा सीट इसके कब्जे में 1984 से है. 


एमआईएम का अब तक का सफर    


आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद 2018 में हुए तेलंगाना विधानसभा का पहला चुनाव एमआईएम ने 8 सीटों पर लड़ा था. इसमें से उसे 7 सीटों पर जीत मिली थी. इस चुनाव में एमआईएम को 5 लाख 61 हजार 91 वोट या 2.71 फीसदी वोट मिले थे. एमआईएम ने 2017 में यूपी विधानसभा का चुनाव 38 सीटों पर लड़ा था. लेकिन 37 सीटों पर उसकी जमानत तब्त हो गई थी. एमआईएम को 2 लाख 4 हजार 142 वोट मिले थे. एमआईएम ने ज्यादातर पश्चिम उत्तर प्रदेश की मुस्लिमबहुल सीटों पर चुनाव लड़ा था.


कंगना रनौत के बयान पर असदुद्दीन ओवैसी बोले- कोई मुसलमान कहता तो UAPA लगा दिया जाता


तेलंगाना के बाद एमआईएम को सबसे अधिक सफलता महाराष्ट्र में मिली. एमआईएम ने 2014 का महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव 24 सीटों पर लड़ा था. उसे 2 सीटों पर जीत मिली थी. और 14 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. एमआईएम पर 4 लाख 89 हजार 614 मतदाताओं ने विस्वास जताया था. वहीं 2019 का विधानसभा चुनाव एमआईएम ने 44 सीटों पर लड़ा. इस बार भी उसे केवल 2 ही सीटें मिलीं. लेकिन उसके वोट बढ़कर 7 लाख 37 हजार 888 हो गए. एआईएमआईएम ने 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में सफलता पाई. औरंगाबाद सीट पर एमआईएम के इम्तियाज जलील जीते. उन्होंने शिवसेना के चंद्रकांत खैरे को हराया. लोकसभा चुनाव में तेलंगाना के बाहर एमआईएम की यह पहली सफलता थी. 


बिहार की धरती पर मिली एमआईएम को सफलता


महाराष्ट्र की सफलता से उत्साहित एमआईएम ने 2020 में बिहार की धरती पर कदम रखा. वहां उसकी नजर पश्चिम बंगाल से सटे जिलों के मुस्लिम वोट बैंक पर थी. एमआईएम ने पहली बार 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ा था. उसने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन 5 सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई थी. उसे 80 हजार 248 वोट मिले थे. एमआईएम ने 2020 का विधानसभा चुनाव रालोसपा और बसपा के साथ गठबंधन कर 20 सीटों पर लड़ा था. इनमें से 5 सीटों पर उसे जीत मिली. इस चुनाव में 5 लाख 23 हजार 279 मतदाताओं ने उसपर भरोसा जताया था. 


Asaduddin Owaisi: बिहार-यूपी के बाद अब राजस्थान की बारी, असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM लड़ेगी विधानसभा चुनाव


बिहार के बाद इस साल हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी एमआईएम ने भी हिस्सा लिया. बंगाल में यह उसका पहला चुनाव था. पार्टी ने 6 सीटों पर चुनाव लड़ा. लेकिन सभी सीटों पर उसे हार का मुंह देखना पड़ा. उसे केवल 10 हजार 852 वोट ही मिले. सभी सीटों पर उसकी जमानत जब्त हो गई.   


राजस्थान के चुनाव पर लगी हैं एमआईएम की नजरें


अब एमआईएम की नजर राजस्थान पर है. एक दिन के दौरे पर सोमवार को जयपुर पहुंचे असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि उनकी पार्टी राजस्थान विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि एमआईएम की राजस्थान ईकाई का गठन अगले दो महीने में कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के कुशासन और लूट ने तीसरे मोर्चे के लिए जगह पैदा की है.