मिशन यूपी पर गए ओवैसी का आरोप- नफरत फैलाने और मॉब लिंचिंग करने वालों की मदद कर रही बीजेपी
UP Election 2022: असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि दिल्ली में भड़काऊ नारे लगाने वालों को फौरन जमानत दे दी गई. दलितों और मुसलमानों की मॉब लिंचिंग करने वालों को भी छोड़ दिया जाता है.
UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी Asaduddin Owaisi ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर भड़काऊ नारेबाजी कर नफरत फैलाने और पीट पीट कर जान लेने (मॉब लिंचिंग) की घटनाओं में खास वर्ग के लोगों की हत्या करने वालों की मदद करने का आरोप लगाया है. ओवैसी ने कटरा बारादरी स्थित इमामबाड़े में एक सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों दिल्ली में भड़काऊ नारे लगाने वालों को फौरन जमानत दे दी गई. उन्होंने कहा कि इसी तरह दलितों और मुसलमानों की मॉब लिंचिंग करने वालों को भी छोड़ दिया जाता है. बीजेपी सरकार ऐसे अपराध करने वालों की पूरी मदद करती है.
ओवैसी ने आरोप लगाया, ''जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, तब से देश को, धर्मनिरपेक्षता खत्म करके हिंदू राष्ट्र में बदलने की कोशिश की जा रही है. 2014 के बाद से मुस्लिम और दलित समुदाय के लोगों की मॉब लिंचिंग हो रही है. अखलाक को इसी उत्तर प्रदेश में मारा गया था. ऐसी घटनाओं का वीडियो बना कर संदेश दिया जाता है कि हम अब ताकतवर हो गए हैं.''
जुल्म के बावजूद सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टियां चुप रहती हैं- ओवैसी
एआईएमआईएम के प्रमुख ने प्रतिद्वंदी पर्टियों पर निशाना साधते हुए कहा, ''इस जुल्म के बावजूद सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टियां चुप रहती हैं. सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) पर बसपा की मायावती और सपा के अखिलेश यादव कुछ भी बोलने से कतराते हैं जबकि सबसे पहले हमने कहा कि यह काला कानून है.
इससे पहले यूपी चुनाव में मुस्लिमों को लुभाने की कोशिश में लगे असदुद्दीन ओवैसी ने सुल्तानपुर में फिर बड़ा बयान दिया था. उन्होंने कहा कि यूपी सबसे बड़ी रियासत है, 19 फीसदी मुस्लिम हैं, आप सबको एक तरफ आना होगा. यूपी में जहां पर हर बिरादरी की एक सियासी आवाज है, नुमाइंदा है, मुस्लिमों का कौन है, आपने किसे अपना नेता बनाया. ओवैसी ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री अखिलेश और मायावती की नासमझी की वजह से बने. उन्होंने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दूसरे दिन विरोधियों के उन आरोपों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया था.
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