चुनाव आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया. इसके साथ ही खबर आई कि कानपुर पुलिस के कमिश्नर असीम अरुण ने विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस ले लिया है. उनके कन्नौज सदर से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की खबर है. इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दी है.


असीम अरुण ने शनिवार को दोपहर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश डीजीपी रह चुके थे. दलित समाज से आने वाले 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को उत्तर प्रदेश पुलिस का एक तेजतर्रार अधिकारी माना जाता है. उन्हें 25 मार्च 2021 को कानपुर का पहला पुलिस आयुक्त बनाया गया था. ॉ


वीआरएस की सूचना फेसबुक पर दी


वीआरएस लेने की सूचना फेसबुक पर देते हुए असीम अरुण ने लिखा, ''मैंने एच्छिक सेवा निवृत्ति के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं. मैं बहुत गौरवांवित अनुभव कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे बीजेपी की सदस्यता के योग्य समझा. मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं और पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को सार्थक बनाऊं.''


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उन्होंने लिखा है, ''मैं प्रयास करूंगा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए गए तिलस्म कि सबसे कमजोर और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूं, आईपीएस की नौकरी और अब यह सम्मान, सब बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा अवसर की समानता के लिए रचित व्यवस्था के कारण ही संभव है. मैं उनके उच्च आदर्शों का अनुसरण करते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति एवं सभी वर्गों के भाइयों और बहनों के सम्मान, सुरक्षा और उत्थान के लिए कार्य करूंगा. मैं समझता हूं कि यह सम्मान मुझे मेरे पिता स्वर्गीय श्रीराम अरुण एवं माता स्वर्गीय शशि अरुण के पुण्य कर्मों के प्रताप के कारण ही मिल रहा है.''


कहां के रहने वाले हैं असीम अरुण 


असीम अरुण कन्नौज के ही रहने वाले हैं. असीम अरुण की नौकरी अभी 8 साल बाकी है. उन्होंने पुलिस की नौकरी में रहकर तमाम उल्लेखनीय काम किए. उन्होंने यूपी पुलिस की डायल 112 सेवा को बहुत प्रभावी ढंग से चलाया और कोरोना काल में तमाम सराहनीय कार्य किए. उनके कामकाज की देश-दुनिया में चर्चा हुई. उनके पिता श्रीराम अरुण पुलिस महकमे में मुखिया रह चुके हैं. 


श्रीराम अरुण पुलिस सुधार के सबसे बड़े पैरोकार थे. उन्होंने एक रिपोर्ट भी बनाई थी जो आज भी लागू नहीं हो सकी है. श्रीराम अरुण ने कन्नौज में स्कूल भी खोला था जो बहुत चल नहीं पाया. असीम अरुण के मन में अपने समाज और अपनी जाति को लेकर संवेदनाएं हैं. हालांकि उनका वीआरएस का आवेदन अभी स्वीकृत नहीं हुआ है.लेकिन वह नौकरी छोड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.