UP Election 2022: मुख्यमंत्रियों के अयोध्या दौरे से बीजेपी को राजनीतिक फायदा क्या होगा?
UP Election 2022:अयोध्या जाने वालों में एमपी, असम, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, अरुणाचल, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, कर्नाटक, पुडुचेरी और गोवा के मुख्यमंत्री शामिल हैं.
बीजेपी शासित 11 राज्यों के मुख्यमंत्री बुधवार को अयोध्या पहुंचे. अयोध्या का बीजेपी की राजनीति में बहुत महत्व है. उसने अब तक राजनीति में जो भी हासिल किया है, वह अयोध्या के रास्ते ही हासिल किया है. इसलिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी अयोध्या पहुंचे हैं. बाबरी मस्जिद विवाद में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह उनकी पहली अयोध्या यात्रा है.
कितने मुख्यमंत्री अयोध्या गए
अयोध्या का दौरा करने वालों में मध्य प्रदेश, असम, नगालैंड, मणिपुर, त्रिपुरा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, मिजोरम, कर्नाटक, पुडुचेरी और गोवा के मुख्यमंत्री, बिहार के दो उपमुख्यमंत्री और अरुणाचल प्रदेश के एक उपमुख्यमंत्री शामिल हैं. बीजेपी ने इस दौरे का प्लान उत्तर प्रदेश समेत देश के 5 राज्यों में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बनाया है. दरअसल बीजेपी अपने मुख्यमंत्रियों का उत्तर प्रदेश का दौरा कराकर सुशासन का संदेश देने की कोशिश कर रही है.
अयोध्या पहुंचकर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री राम मंदिर के निर्माण कार्यों को भी देखेंगे. बीजेपी की कोशिश मुख्यमंत्रियों के इस दौरे के जरिए अयोध्या के मुद्दे को हवा देना और उसे जिंदा रखना चाहती है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अपने भाषणों में राम मंदिर और कारसेवकों पर गोलीबारी का जिक्र करते रहते हैं. यह उसके हिंदू एजेंडे का ही हिस्सा है कि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने को लेकर एक बयान दिया था.
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देश की राजनीत में अयोध्या का क्या महत्व है, इसे इस तरह से भी समझ सकते हैं कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद से विपक्ष के कई नेता अयोध्या का जिक्र कर चुके हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई नेता भी अयोध्या का दौरा कर चुके हैं.
काशी से प्रधानमंत्री ने क्या संदेश दिया
अयोध्या से पहले बीजेपी के इन मुख्यमंत्रियों ने काशी का दौरा किया था. जहां 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर का शुभारंभ किया था. इस कार्यक्रम को बीजेपी ने 'दिव्य काशी, भव्य काशी' का नाम दिया था. इसके लिए जरिए बीजेपी ने अपने हिंदू वोटों को एकजुट करने की कोशिश की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को जनता के लिए खोलते हुए जो भाषण दिया, उसके मूल में हिंदू एकता ही था. उन्होंने औरंगजेब और शिवाजी का जिक्र कर हिंदुओं को ही संदेश देने की कोशिश की. इस समारोह को व्यापक बनाने और पूरे देश में संदेश देने के लिए ही बीजेपी ने अपने सभी मुख्यमंत्रियों को काशी में तलब किया था. इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंगलवार को काशी में मुख्यमंत्रियों की बैठक लेकर उन्हें सुशासन का संदेश भी दिया था. प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को एक संगठित बीजेपी के रूप में दिखने और देश के सामने शासन का सर्वेश्रेष्ठ मॉडल पेश करने को कहा. उनका फोकस उन 7 राज्यों पर ज्यादा था, जहां अगले साल चुनाव होने हैं.
उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी के सभी बड़े नेताओं का ध्यान वहां लगा हुआ है. प्रधानमंत्री लगातार उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं. एक बार फिर वो 25 दिसंबर को उत्तर प्रदेश जाने वाले हैं. वो मेरठ से प्रयागराज तक जाने वाले गंगा एक्सप्रेस वे का शिलान्याल करेंगे. इसके बाद भी उनके दौरे के कई कार्यक्रम प्रस्तावित हैं.