उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले की सीमाएं नेपाल से लगती हैं. इस जिले की एक तहसील है बांसी. यह अपने राजघराने के लिए प्रसिद्ध है. जय प्रताप सिंह इस समय इस राजघराने के राजा है. जय प्रताप सिंह बांसी विधानसभा से 1989 से बांसी विधानसत्रा क्षेत्र से लगातार जीतते आ रहे हैं. उन्हें केवल 2007 में ही हार का सामना करना पड़ा था. वो जब 1989 में पहली बार चुनाव जीते थे तो राजकुमार थे. उनके पिता राजा रुद्र प्रताप सिंह उर्फ लाल साहब का निधन जुलाई 2018 में हो गया था. इसके बाद जय प्रताप सिंह को बांसी का राजा घोषित किया गया था.  


राजा जय प्रताप सिंह इस समय उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में चिकित्सा, परिवार और शिशु कल्याण मंत्री का जिम्मा संभाल रहे हैं. वो आबकारी मंत्री भी रह चुके हैं.


सेना में थे जय प्रताप सिंह के पिता


जय प्रताप सिंह के पिता राजा रुद्र प्रताप सिंह सेना में थे. सेना से रिटायर होने के बाद वो दिल्ली में ही रहते थे. उनका निधन भी वहीं हुआ. पिता के निधन के बाद जय प्रताप सिंह को बांसी के राजा की पदवी दी गई. इसके साथ ही उनके बेटों कुंवर अधिराज प्रताप सिंह और कुंवर अभय प्रताप सिंह को राजकुमार की पदवी देकर उनका राजतिलक किया गया था. 


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जय प्रताप सिंह से पहले इस राजपरिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं आया था. राजकुमार जय प्रताप सिंह 1989 में पहली बार बांसी सीट से निर्दलीय के तौर पर विधानसभा का चुनाव जीता था. वो 1991 का विधानसभा चुनाव भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीते. लेकिन इसके बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए. उसके बाद से उन्होंने 1993, 1996, 2002, 2012 और 2017 में वो बांसी से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत रहे हैं. 


जब सपा के उम्मीदवार ने उन्हें हरा दिया


जय प्रताप सिंह को 2007 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के लालजी यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. राजघराने से आने वाले जय प्रताप सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं. वो अक्सर अपनी जनता के बीच नजर आते हैं. उन्होंने 2017 के चुनाव में सपा के लालजी यादव को 18 हजार 942 वोट के अंतर से हराया था. जय प्रताप सिंह को 77 हजार 548 और लालजी को 58 हजार 606 वोट मिले थे.


राजा जय प्रताप सिंह का जन्म बिहार के बक्सर के डुमराव में 7 सितंबर 1953 को हुआ. उन्होंने 1974 में मुंबई विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया. यह राज परिवार बांसी में रतन सेन इंटर कॉलेज और रतन सेन डिग्री कॉलेज के नाम से दो शिक्षण संस्थान चलाता है. 


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