(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चुनाव में लहर: 'मोदी लहर' से पहले 'राम रथ' पर सवार थी बीजेपी, यूपी में बनाई थी बहुमत की सरकार
UP Election 2022: लालू यादव ने लालकृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार करवा लिया था. लालू ने आडवाणी को तो रोक लिया था. लेकिन इससे जो राम लहर पैदा हुई थी. उसे वो नहीं रोक पाए थे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं. सभी दल बिसात बिछाने में लगे हैं. नए-नए मुद्दे उछाले जा रहे हैं. कोशिश यह है कि किस तरह ध्रुवीकरण कराकर विधानसभा चुनाव जीता जाए. आइए हम आपको बताते हैं कि इससे पहले के चुनावों में किस तरह का ध्रुवीकरण हुआ था और किस मुद्दें पर ध्रुवीकरण हुआ था. आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश में 1991 में हुए विधानसभा चुनाव की.
वीपी सिंह ने कांग्रेस से बगावत कर 1988 में जनता दल का गठन किया था. जनता दल ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में यूपी में सरकार बनाई थी. मुलायम पहली बार मुख्यमंत्री बने थे. लेकिन 1990 में जनता दल में विभाजन के बाद मुलायम सिंह यादव की सरकार संकट में आ गई थी. इसे कांग्रेस ने समर्थन देकर संभाला. कांग्रेस ने कुछ महीने बाद ही समर्थन वापस ले लिया. इससे मुलायम सिंह यादव की सरकार गिर गई. इसके बाद 1991 में चुनाव कराने पड़े.
लालू ने रोका आडवाणी का रथ
बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को सोमनाथ से अयोध्या तक की यात्रा पर निकाले थे. लेकिन लालू यादव ने लालकृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार करवा लिया. लालू ने आडवाणी को तो रोक लिया था. लेकिन इससे जो राम लहर पैदा हुई थी. उसे वो नहीं रोक पाए थे.
'राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगें' और 'बच्चा बच्चा राम का, जन्मभूमि के काम' जैसे नारे उत्तर भारत की गलियों में गूंजने लगे थे. जगह-जगह कारसेवा की तैयारी की जा रही थी.
अयोध्या में जुटे कारसेवकों ने सरकार की अपील दरकिनार कर बाबरी मस्जिद की ओर बढ़ना शुरू किया तो तत्कालीन मुलायम सिंह की सरकार ने 30 अक्तूबर 1990 को कारसेवकों पर गोली चलवा दी थी. इसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी. इसे बीजेपी ने मुद्दा बना दिया. उसने राम मंदिर आंदोलन और गोलीकांड को 1991 के चुनाव में भुना लिया.
बीजेपी को यूपी में पहली बार मिला बहुमत
जब 1991 के चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी को बहुमत मिला. बीजेपी ने 415 सीटों पर चुनाव लड़ा था. उसे 221 सीटों पर जीत मिली थी. इससे पहले 1989 के चुनाव में उसे 57 सीटें मिली थीं. राम मंदिर आंदोलन का परिणाम यह हुआ कि 1989 में 208 सीटें जीतने वाला जनता दल 92 सीटों पर सिमट गया था. वहीं कांग्रेस 94 सीटों से 46 सीटों पर आ गई थी.
इस प्रचंड जीत के बाद बीजेपी ने कल्याण सिंह के नेतृत्व में अपनी बहुमत वाली पहली सरकार बनाई थी. अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कल्याण सिंह की इस सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था.