उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की बैरिया सीट से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं. बीजेपी ने 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें टिकट नहीं दिया है. बीजेपी ने उनकी जगह आनंद स्वरूप शुक्ल को टिकट दिया हैय इससे नाराज सुरेंद्र सिंह ने बुधवार को बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा है कि वो बैरिया से चुनाव जीतकर और बीजेपी उम्मीदवार को हराकर दिखाएंगे. सुरेंद्र सिंह को विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने टिकट दिया है.
किस पार्टी से मिला है सुरेंद्र सिंह को टिकट
बिहार में निषाद-मल्लाहों की राजनीत करने वाली वीआईपी ने सुरेंद्र सिंह को टिकट दिया है. वीआईपी का टिकट मिलने के बाद सुरेंद्र सिंह ने मीडिया से कहा, '' हम लोग गरीबों के सेवक हैं, इसलिए गरीबों की पार्टी ज्वाइन की है.'' उन्होंने कहा है कि वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उनके घर पर आकर उन्हें सिंबल देकर गए हैं. उन्होंने कहा कि इस पार्टी ने मेरे सम्मान की रक्षा की है. उन्होंने कहा कि वो इस बार बलिया में बीजेपी को एक भी सीट जीतने नहीं देंगे. उन्होंने कहा है कि वो बैरिया में बीजेपी को 50 हजार से अधिक मतों के अंतर से हरा कर दिखाएंगे.
बीजेपी से टिकट कटने और किसी अन्य दल से टिकट के सवाल पर सुरेंद्र सिंह ने कहा था, "अगर कोई दल हमको सम्मानपूर्वक बुलाकर कहेगा कि आइए हमारी पार्टी से टिकट लेकर लड़ जाइए तो मैं विचार करूंगा और लड़ सकता हूं. लेकिन मैं किसी की याचना करने या पैर छूने वाला नहीं हूं." बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर सुरेंद्र सिंह ने इसका ठीकरा बलिया से बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर फोड़ा था. उन्होंने कहा था कि ये लड़ाई वीरेंद्र सिंह मस्त बनाम सुरेंद्र सिंह के चरित्र की है.
सुरेंद्र सिंह के विवादित बयान
सुरेंद्र सिंह और विवादों का पुराना नाता रहा है. वो अपने उल-जुलूल बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. उन्होंने पिछले साल अक्तूबर में बसपा प्रमुख मायावती को पैसों के पीछे भागने वाली नेता बता दिया था. उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को औरंगजेब की परंपरा का नेता और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को जिन्ना का अवतार बताया था. यही नहीं उन्होंने पिछले साल कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए गोमूत्र पीने की सलाह दे दी थी.
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