बसपा (BSP) के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र (Satish Chandra Mishra)ने सोमवार को सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें पोस्ट कीं. इसमें उनकी बाईं तरफ थे, पार्टी सुप्रीमो मायावती (Mayawati) के भतीजे आकाश आनंद और दाहिनी तरफ थे उनके बेटे कपिल मिश्र. सतीश मिश्र ने लिखा, ''बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर श्री आकाश आनंद जी और कपिल मिश्रा के नेतृत्व में आज सभी वर्ग के साथ ही युवा वर्ग तेजी से बसपा से जुड़ रहा है.'' दरअसल यह नई बसपा की एक तस्वीर थी. जो अब समय के साथ अपने आप को बदलने में लगी हुई है. 


बसपा की राजनीति


अपने कॉडर के दम पर राजनीति करने वाली बसपा के पास कोई फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन नहीं है, जैसा कि दूसरी अन्य पार्टियों के पास है. मतदाताओं का बड़ा हिस्सा युवाओं का है. लेकिन बसपा की कोई युवा या छात्र संगठन नहीं है. युवाओं तक अपनी बात पहुंचाने और उन्हें अपने पाले में करने की रणनीति बसपा ने बनाई है. इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है, मायावती के भतीजे आकाश आनंद पर. विलायत से पढ़कर आए आकाश आनंद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. युवाओं को जोड़ने के काम में सतिश चंद्र मिश्र के बेटे कपिल मिश्र भी उनका साथ दे रहे हैं. इसके अलावा पार्टी के कुछ युवा नेताओं को भी इस काम में लगाया गया है. 


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बीएसपी ने अपनी सोशल मीडिया टीम बनाई है. यह टीम ही सोशल मीडिया के लिए प्रचार सामग्री को तैयार कर युवा समर्थकों को उपलब्ध कराती है. बीएसपी से जुड़ने वाले युवाओं में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के छात्र बड़ी संख्या में हैं. वो सोशल मीडिया पर बसपा की नीतियों और मायावती के मुख्यमंत्री के रूप में किए गए कार्यों का प्रचार प्रसार करते हैं. बसपा की योजना अपना यट्यूब चैनल लांच करने की है. इसे जल्द ही लांच किया जा सकता है. इसका मकसद युवाओं तक पार्टी की नीतियों और बसपा की सरकार में हुए विकास कार्यों की जानकारी पहुंचाना है. इसके जरिए पार्टी युवाओं के साथ जुड़ना भी चाहती है. 


बसपा अब सोशल मीडिया पर सक्रिय हुई है. उसने अपना आधिकारिक ट्वीटर हैंडल बनाया है. पार्टी प्रमुख मायावती अक्तूबर 2018 से ही ट्वीटर पर हैं. सतीशचंद्र मिश्र, उनके बेटे कपिल मिश्र भी सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं. 


बसपा ने 2017 के विधानसभा का चुनाव चुनाव सभी 403 सीटों पर लड़ा था. उसने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी. बसपा पर 22.23 फीसदी मतदाताओं ने भरोसा जताया था. 


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