बसपा प्रमुख मायावती आज अपना 66वां जन्मदिन मना रही हैं. इस अवसर पर उन्होंने लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया. इसमें उन्होंने उम्मीद जताई कि उत्तर प्रदेश में अगली सरकार बसपा की बनेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता उनके जन्मदिन पर जरूरतमंदों की मदद किया करते थे. लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने की वजह से इस बार वो ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने बसपा कार्यकर्ताओं से इस बार अपने जन्मदिन पर सबसे कीमती तोहफा बीएसपी की सरकार के रूप में देने की अपील की. मायावती ने अपने जन्मदिन पर पहले चरण की 58 में से 53 उम्मीदवारों के नाम का एलान भी किया.
मायावती ने किस किताब का किया विमोचन
मायावती ने अपने जन्मदिन पर हर साल की तरह इस बार भी किताब का विमोचन किया. यह पिछले एक साल में उनकी और उनकी पार्टी के कार्यक्रमों का दस्तावेज होता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की विपक्षी दल साम, दंड भेद और हर तरह के हथकंडे अपना कर बीएसपी की सरकार को सत्ता में आने से रोकना चाहते हैं.
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उन्होंने अपने जन्मदिन पर शुभचिंतकों का हार्दिक आभार जताया. उन्होंने कहा, ''जो देश में मेरे जन्मदिन को कोरोना के नियमों का पालन करते हुए. अपने महापुरुषों की मानवतावादी सोच पर चलकर आगे बढ़ा रहे हैं. इस मौके पर बीएसपी के लोग आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार गरीब, जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं. कोरोना के दौरान परिवार के जिन कमाने वालों की मौत हुई है, उनकी पार्टी के लोग मदद रहे हैं. हमारी पार्टी गरीब, मजलूमों के लिए काम करती है. इसीलिए हमने 4 बार सरकार चलाई है.''
मायावती को विधानसभा चुनाव से क्या उम्मीदें हैं
उन्होंने आगे कहा कि तमाम दलों ने गठबंधन करके हमको सत्ता में आने से रोका है. जनता हमे सत्ता में वापस लाएगी. पूर्व शासन की तरह इस बार भी सत्ता में हम सर्वजन हिताय के तहत काम करेंगे. उन्होंने कहा कि आज देश की असली चिंता बाबा साहेब के मानवतावादी सिद्धांतों पर ले जाना है. यूपी ही नहीं देश के लोग मान रहे हैं कि विधानसभा नतीजे आने के बाद स्थितियां बदलेंगी.''
उन्होंने कहा कि 2022 उम्मीदों का साल है, परिवर्तन होगा. मेरे संघर्ष मेरे संस्मरण मेरे द्वारा लिखी गई पुस्तक का विमोचन किया जा रहा है. ये युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा दायक साबित होगी. बीएसपी की अंबेडकरवादी नीति आगे बढ़ती रहेगी.''
मीडिया पर मायावती ने क्या आरोप लगाए
उन्होंने लोगों से विपक्ष के हथकंडों से सावधान रहने की अपील की. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मीडिया का एक वर्ग मेरे चुनाव न लड़ने को मु्द्दा बना रहा है. उन्होंने अपने समर्थकों से जातिवादी और बीएसपी विरोधी मीडिया से बचने की अपील की. उन्होंने कहा कि वो 4 बार लोकसभा, 3 बार राज्यसभा, 2 बार विधानसभा और 2 बार विधान परिषद का सदस्य रहीं. उन्होंने कहा कि कांशीराम जी के बाद पार्टी की मुझ पर जिम्मेदारी है. इसलिए चुनाव नहीं लडूंगी, विधान परिषद के जरिए सरकार बनाने पर सरकार का नेतृत्व करूंगी.