बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने मंगलवार को बहराइच में एक चुनावी रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बीजेपी, सपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेसी को जातिवादी पार्टी बताते हुए कहा कि आजादी के बाद केंद्र और देश के अधिकांश राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन उसकी गलत नीतियों और कार्यप्रणाली की वजह से वह सत्ता से बाहर हो गई. 


मायावती ने कांग्रेस पर क्या-क्या आरोप लगाए


मायावती की यह जनसभा देवीपाटन मंडल के विधानसभा क्षेत्रों में बसपा के उम्मीदवारों के समर्थन में आयोजित की गई थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में डॉक्टर बीआर आंबेडकर को 'भारत रत्न' नहीं दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछड़ा वर्ग की विरोधी पार्टी है. वह जब सत्ता में होती है तो इन वर्गों के विकास पर ध्यान नहीं देती है. उन्होंने कांग्रेस पर मंडल कमीशन की रिपोर्ट को दबाकर रखने का आरोप लगाया.


बसपा प्रमुख ने कहा कि केंद्र में जब वीपी सिंह की सरकार थी तो बसपा ने अपने प्रयास से डॉक्टर आंबेडकर को 'भारत रत्न' दिलवाया और मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करवाया.


मायावती ने समाजवादी पार्टी पर क्या आरोप लगाए


समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए मायावती से कहा कि सपा की सरकार में ज्यादातर गुडों, बदमाशों, माफियाओं और अराजकतत्वों को आगे बढाने का काम किया जाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पार्टी के सरकार में जो नए जिले बनाए गए थे, सपा सरकार ने उन नामों को बदल दिया. उन्होंने रैली में मौजूद लोगों से सपा और बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने की अपील की. उनका कहना था कि दलितो, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के मामले में एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. 


उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार भी जातिवादी, रूढ़ीवादी और आरएसएस की संकीर्ण नीतियों को लागू करने में आगे रही है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार में दलित, मुस्लिम और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.