UP Election 2022: किस जाति के कितने मंत्री शामिल हैं योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में, किस जाति की संख्या सबसे अधिक है?
UP Election 2022: योगी आदित्यनाथ ने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उनके 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी. लेकिन दो बार हुए विस्तार के बाद योगी कैबिनेट में शाामिल मंत्रियों की संख्या अब 60 हो गई है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव (UP Assembly Election 2022) अगले साल होने हैं. बीजेपी (BJP) ने 2017 के चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था. उसने 384 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 312 सीटों पर कब्जा जमाया था. योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जब मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उनके साथ दो उपमुख्यमंत्रियों समेत 36 मंत्रियों ने शपथ ली थी. योगी कैबिनेट का पहला विस्तार 22 अग्स्त 2019 को किया गया था. इससे मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 56 हो गई थी. योगी कैबिनेट का इस साल 27 सितंबर को दूसरा विस्तार हुआ. इसमें 1 कैबिनेट और 6 राज्यमंत्री बनाए गए. आइए जानते हैं कि योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में किस जाती के कितने मंत्री शामिल हैं.
योगी आदित्यनाथ की सरकार में शामिल मंत्री
योगी मंत्रिमंडल में सवर्ण जातियों के मंत्रियों की संख्या 28 है. इसमें 10 ब्राह्मण, 7 क्षत्रिय, 1 कायस्थ, 2 भूमिहार, 5 वैश्य और 3 खत्री शामिल हैं. सवर्ण जातियों को बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. इसलिए योगी कैबिनेट में सवर्ण मंत्रियों की संख्या करीब 50 फीसदी है.
सवर्ण के बाद सबसे अधिक संख्या अन्य पिछड़ा वर्ग के मंत्रियों की है. योगी मंत्रिमंडल में 21 ओबीसी मंत्री हैं. इसमें कुर्मी जाति के 5, 3 जाट, 2 कुशवाहा, 2 लोध, 1 गुर्जर, 1 चौहान, 1 निषाद, 1 बिंद, 1 कुम्हार, 1 पाल, 1 यादव, राजभर 1 और सैनी (माली) जाति का 1 मंत्री है. वहीं अनुसूचित जाति के 8 मंत्री योगी मंत्रिमंडल में हैं. इसमें 2 कोरी, 2 खटीक, 1 जाटव, 1 पासी, 1 बेलदार और धोबी जाति का एक मंत्री शामिल है. अनुसूचित जनजाति का 1 सदस्य है. अल्पसंख्यक वर्ग से 1 मुसलमान और 1 सिख मंत्री है.
बीजेपी ने मंत्रिमंडल में ओबीसी के मंत्रियों के चयन में जाति का खास ध्यान रखा है. यूपी में यादव को ओबीसी को सबसे बड़ी आबादी वाली जाति माना जाता है. माना जाता है कि यादव सपा को वोट करते हैं. इसलिए योगी कैबिनेट में केवल एक यादव मंत्री है. यादवों के बाद कुर्मियों की संख्या है. कुर्मी को बीजेपी का परंपरागत वोटर माना जाता है. इसलिए मंत्रिमंडल में कुर्मी जाति के 5 सदस्य शामिल हैं. कुर्मी को अपने साथ बनाए रखने के लिए बीजेपी ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर भी एक कुर्मी को ही बैठाया है.