कांग्रेस (Congress) महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने कहा है कि उनकी पार्टी के जो लोग छोड़कर चले गए हैं, उनके लिए पार्टी के दरवाजे अब बंद हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब लड़ने की जरूरत थी तो ये नेता दुम दबाकर भाग गए. उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के लिए पार्टी में अब कोई जगह नहीं है. उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने एबीपी गंगा को दिए इंटरव्यू में यह बात कही.
प्रियंका ने कहा, पार्टी छोड़ने वालों में लड़ने की हिम्मत नहीं थी
पार्टी छोड़कर गए नेताओं को वापस आने के सवाल पर प्रियंका ने कहा, ''बिल्कुल नहीं. मैं बहुत बड़ी बात कह रही हूं. जो इन परिस्थितियों में पार्टी को छोड़कर चले जाएं. जिनमें लड़ने की हिम्मत नहीं है. उसके लिए पार्टी में कोई जगह नहीं हैं, खासकर उत्तर प्रदेश में.जबतक मैं प्रभारी हूं, ऐसे लोगों के लिए पार्टी के दरवाजे बंद हैं.जब हिम्मत चाहिए थी लड़ने के लिए, जब आपको लड़ना चाहिए था, तब आप दुम दबाकर भाग गए. अब आपको फिर से जगह मिलनी चाहिए.''
उन्होंने कहा, ''कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता और पदाधिकारी हिम्मत से लड़े हैं. पार्टी के सारे पद हैं, सब उन्हीं के हैं. उनका हक है उस पर, क्योंकि वो लड़े हैं और आपमें लड़ने की हिम्मत नहीं थी. जबतक मैं प्रभारी हूं बिल्लुकल नहीं लूंगी.''
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किसे मौका देगी कांग्रेस
एक और सवाल के जवाब में प्रियंका गांधी ने कहा, '' जो लोग चले गए हैं, उनमें हिम्मत नहीं थी. लड़ने के लिए हिम्मत चाहिए होती है. मुझे ही हिरासत में ले लेते हैं. बंद कर देते हैं. यह सब होता है. अगर उनमें हिम्मत नहीं है लड़ाई लड़ने की तो अच्छा है कि कहीं और चले जाएं.'' उन्होंने कहा कि ऐसी फीलिंग भी थी कि कुछ नेताओं को ज्यादा मौके मिले. अब उनके जाने के बाद संघर्षशील कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को मौके मिलेंगे.
उत्तर प्रदेश से आने वाले कांग्रेस के कई नेताओं ने पिछले दिनों पार्टी छोड़कर बीजेपी की सदस्यता ले ली है. इनमें पूर्व मंत्री जीतिन प्रसाद और आरपीएन सिंह का नाम प्रमुख है. कांग्रेस छोड़कर जाने वाले जितिन प्रसाद को बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट में मंत्री बनाया था. वहीं जब प्रियंका गांधी कांग्रेस में सक्रिय हुईं तो उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया था. पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्या सिंधिया बनाए गए थे. लेकिन वो भी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.