रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस ने बीजेपी की अदिति सिंह के सामने डॉक्टर मनीष चौहान को प्रत्याशी बनाया है. इससे सदर सीट पर लड़ाई दिलचस्प हो गई है. नामांकन के अंतिम दिन के कुछ क्षण पहले कांग्रेस ने मनीष को अपना प्रत्याशी घोषित किया. इसके बाद मनीष ने कांग्रेस के सिंबल से नामांकन भी किया. मनीष ने अपनी जीत पर विश्वास जताते हुए कहा कि निश्चित तौर पर अभी सदर विधानसभा क्षेत्र में जो विकास होना चाहिए था वह नहीं हुआ है. मैं जनता के बीच का व्यक्ति हूं जनता से जुड़ी सभी समस्याओं को दूर करने का हमारा प्रयास होगा.


कौन हैं डॉक्टर मनीष चौहान


डॉ मनीष चौहान खानदानी कांग्रेसी हैं. पेशे से डॉक्टर होने के कारण वो अपना खुद का अस्पताल चलाते हैं. सदर विधानसभा सीट पर सभी पार्टियों ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था. इसमें बीजेपी से अदिति सिंह चुनाव मैदान में हैं. इसको देखते हुए कांग्रेस को एक अच्छे प्रत्याशी की तलाश थी जो अदिति के सामने ताल ठोक सके. 


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नामांकन के अंतिम समय में कांग्रेस ने डॉक्टर मनीष चौहान को अपना प्रत्याशी बना कर भरोसा जताया. नामांकन करने के बाद डॉ मनीष चौहान ने कहा, ''मैं जमीनी व्यक्ति हूं जनता के बीच से होकर आया हूं. जो बिजली, पानी, सड़क की समस्याएं विधानसभा क्षेत्र में हैं उन सभी को मैं दूर करूंगा क्योंकि जनता के बीच का व्यक्ति हूं. उनकी समस्याओं का मुझे एहसास है. अगर मुझे कुछ और करना होता तो मैं दिल्ली में था वहां से आकर यहां अस्पताल न खोलता. अस्पताल खोलकर मैंने जन सेवा की है. रायबरेली में स्वास्थ सुविधाएं बेहतर ना होने के कारण मैंने सबसे पहले सीटी स्कैन खोला जिससे कि अगर किसी व्यक्ति को सिर में चोट लगी हो तो उसका यहीं पर टेस्ट हो जाए और कोई घटना ना घटित हो. जनता के बीच रहता हूं और उनकी समस्याओं से रूबरू हूं. जनता की समस्याओं को दूर करना है.''


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रायबरेली सदर सीट पर कैसी है लड़ाई


सदर विधानसभा सीट पर लड़ाई अब दिलचस्प हो चुकी है. जहां कांग्रेस से मनीष चौहान ताल ठोक रहे हैं, वहीं बीजेपी से अदिति सिंह मैदान में हैं. सपा ने अपने पुराने प्रत्याशी आरपी यादव पर ही एक बार फिर दांव खेला है. बसपा ने हर बार की तरह इस बार मोहम्मद अशरफ के रूप में एक नए चेहरे को उतारा है. कांग्रेस के सिंबल से मनीष चौहान के आ जाने से बीजेपी के अदिति सिंह के लिए सफर आसान नहीं माना जा रहा है. वही सपा प्रत्याशी आरपी यादव भी पूरी तरह लड़ाई में सामने हैं. इस घटनाक्रम के बाद अब सदर सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई मानी जा रही है जो दिलचस्प होगी.