आईपीएस की नौकरी छोड़ने वाले असीम अरुण रविवार को बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने उन्हें बीजेपी की सदस्यता दिलाई. चुनाव आयोग ने जिस दिन देश में 5 राज्यों में  विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा की थी, उसी दिन पुलिस की नौकरी से वीआरएस लेने की घोषणा अरुण ने की थी.


बीजेपी में शामिल होने के बाद असीम अरुण ने कहा, ''मैं आभारी हूं कि आज मुझे भाजपा में काम करने का मौका मिल रहा है और मेरी पूरी कोशिश भी रहेगी कि मैं यहां भी अपना बेहतर करने का प्रयास करूं.'' उन्होंने कहा, ''मैं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने प्रदेश भर में कानून का एक बेहतर माहौल तैयार किया और पुलिस अधिकारियों को या सभी को पूरी ईमानदारी से काम करने की प्ररेणा दी." उन्होंने कहा, ''मैं पूरी ईमानदारी से आपको बता सकता हूं कि पिछले पांच सालों में पुलिस के लिए बिना किसी दबाव के काम करने का इससे बेहतर अवसर कभी नहीं रहा.'' 






इस अवसर पर बीजेपी उत्तर प्रदेश के सहचुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ''सपा में वो जाते हैं जो दंगा करते हैं, भाजपा में वो आते हैं जो दंगा रोकते हैं.'' उन्होंने कहा कि सपा ने अपने जो उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से एक जेल में है और दूसरा बेल पर है. सपा ने फिर से साफ कर दिया है कि वो फिर से प्रदेश को दंगा प्रदेश बनाने की कोशिश कर रहे हैं. ठाकुर ने कहा कि युवाओं के लिए प्रेरणा और ईमानदार छवि वाले असीम अरुण जी का बीजेपी में स्वागत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि अरुण अपनी नई पारी में भी लोकहित और युवाओं को प्रेरित करते रहेंगे. 


बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने असीम अरुण को बताया ईमानदार 


असीम अरुण का बीजेपी ने स्वागत करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि ईमानदार छवि वाले आईपीएस असीम अरुण जी का हम बीजेपी में स्वागत करते हैं. इन्होंने देश से लेकर प्रदेश तक में कई जिम्मेदार पदों पर अपनी सेवाएं दीं और पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ काम किया है. उन्होंने कहा कि एक ईमानदार छवि, दलित, वंचित, शोषितों का शोषण न हो इसके लिए संघर्ष करने वाले पूर्व डीजीपी के बेटे आईपीएस असीम अरुण लोकहित के लिए कार्य करते रहे हैं. 






पिता थे उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी


दलित समाज से आने वाले असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख रह चुके हैं. उनका निधन हो चुका है. असीम अरुण ने वीआरएस लेने की घोषणा एक फेसबुक पोस्ट में की थी.  इससे पहले उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. दलित समाज से आने वाले 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी असीम अरुण को उत्तर प्रदेश पुलिस का एक तेजतर्रार अधिकारी माना जाता है. उन्हें 25 मार्च 2021 को कानपुर का पहला पुलिस आयुक्त बनाया गया था.


UP Election 2022: बीजेपी छोड़ने वाले योगी आदित्यनाथ के मंत्री दारा सिंह चौहान आज सपा में शामिल होंगे, जानिए यहां तक कैसे पहुंचे हैं


वीआरएस की सूचना फेसबुक पर दी


वीआरएस लेने की सूचना फेसबुक पर देते हुए असीम अरुण ने लिखा, ''मैंने एच्छिक सेवा निवृत्ति के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं. मैं बहुत गौरवांवित अनुभव कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे बीजेपी की सदस्यता के योग्य समझा. मैं प्रयास करूंगा कि पुलिस बलों के संगठन के अनुभव और सिस्टम विकसित करने के कौशल से पार्टी को अपनी सेवाएं दूं और पार्टी में विविध अनुभव के व्यक्तियों को शामिल करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल को सार्थक बनाऊं.''