खबर है कि बीजेपी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) में बड़ी सेंध लगाने वाली है. कहा जा रहा है कि बुधवार को सपा-बसपा के 10 विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) बीजेपी (BJP) में शामिल होंगे. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) से पहले ही इससे बीजेपी सपा-बसपा को तगड़ा झटका देगी. इससे पहले बसपा के 6 बागी विधायकों ने सपा का हाथ थामा था और बीजेपी का एक विधायक भी सपा में शामिल हुआ था. चुनाव के नजदीक आते ही इस तरह के विधायकों का एक पार्टी से दूसरे पार्टी में आने जाने का सिलसिला बढ़ जाएगा. आइए जानते हैं कि अबतक कितने विधायक अपनी निष्ठा बदल चुके हैं.
सपा-बसपा के कितने एमएलसी थामेंगे बीजेपी का हाथ
मंगलवार को खबर आई कि सपा के रविशंकर सिंह पप्पू, सीपी चंद, अक्षय प्रसाद सिंह और बसपा के बृजेश कुमार सिंह समेत 10 एमएलसी बीजेपी का झंडा थामेंगे. बड़े और प्रभावशाली नेताओं को अपनी पार्टी में लाना बीजेपी की रणनीति है. इस बार विधानसभा चुनाव से पहले वह सपा के नेताओं पर नजर गड़ाए हुए हैं.
UP Election 2022: यूपी चुनाव से पहले सपा-बसपा को बड़ा झटका, 10 MLC बीजेपी में होंगे शामिल
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार मार्च 17 में सत्ता में आई थी. योगी आदित्यनाथ के अलावा दो मंत्री उस समय किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे. अगले साल हुए विधानपरिषद के चुनाव से पहले सपा के बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, डॉक्टर सरोजिनी अग्रवाल और अशोक वाजपेयी ने विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देने वालों में बसपा के ठाकुर जयवीर सिंह भी थे. बाद में बीजेपी ने बुक्कल नवाब, यशवंत सिंह, डॉक्टर सरोजिनी अग्रवाल को विधान परिषद भेज दिया था.
बसपा के 6 विधायक हुए थे समाजवादी
बीते महीने की 30 तारीख को अखिलेश यादव की मौजूदगी में बसपा के 6 और बीजेपी के 1 विधायक ने सपा की सदस्यता ली थी. सपा में शामिल होने वालों में श्रावस्ती के भिनगा से जीते असलम राइनी, प्रयागराज की हंडिया सीट से जीते हाकिम लाल बिंद और प्रतापपुर आयात से जीते हाजी मोहम्मद मुजतबा सिद्दीकी, सीतापुर की सिधौली से जीते हरगोविंद भार्गव, जौनपुर के बादशाहपुर से जीते डॉक्टर सुषमा पटेल और गाजियाबाद के धौलाना से जीते असलम चौधरी शामिल हैं. वहीं सीतापुर से बीजेपी विधायक राकेश राठौर भी सपा में शामिल हुए थे. वहीं गाजीपुर से सपा विधायक सुभाष पासी ने बीजेपी की सदस्यता ले ली थी.
कांग्रेस को 2017 के विधानसभा चुनाव में केवल 7 सीटें ही मिली थीं. उसके 2 विधायक बगावत कर चुके हैं. रायबरेली सदर सीट से जीतीं अदिति सिंह और हरचंदपुर सीट से जीते राकेश सिंह के बीजेपी में शामिल होने या निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने की संभावना है.
भदोही के ज्ञानपुर सीट से निषाद पार्टी के टिकट पर जीते विजय मिश्र भी पार्टी बदल सकते हैं. निषाद पार्टी ने बीजेपी के साथ चुनावी समझौता किया है. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने विजय मिश्र के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. इस समय वो आगरा जेल में बंद हैं. विजय मिश्र सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं.
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