(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Election 2022: समाजवादी पार्टी की खोई हुई जमीन तलाशने रायबरेली पहुंच रहे हैं अखिलेश यादव, जानिए वहां कितनी मजबूत है सपा
UP Election 2022: रायबरेली संसदीय सीट कांग्रेस का परंपरागत इलाका रहा है. कांग्रेस का प्रभाव इस जिले की छह विधानसभा सीटों पर भी नजर आता है. आइए जानते हैं कि रायबरेली में कितनी मजबूत है समाजवादी पार्टी.
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की विजय यात्रा शुक्रवार को रायबरेली पहुंचेगी. वहां उनका दो दिन रहने का कार्यक्रम है. रायबरेली कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है. इससे पहले 2017 के चुनाव में सपा और कांग्रेस साथ-साथ थे. अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव दोनों दल अकेले लड़ेंगे. आइए जानते हैं कि रायबरेली में समाजवादी पार्टी कितनी मजबूत है और बीते दो चुनावों में उसका प्रदर्शन कैसा रहा है.
रायबरेली का इतिहास क्या है
रायबरेली जिले में एक संसदीय सीट रायबरेली है. वहीं इस जिले में 6 विधानसभा सीटें- बछरावां, हरचंदपुर, रायबरेली सदर, सलोन, सरेनी और ऊंचाहार हैं. अखिलेश यादव का सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाने का कार्यक्रम है. उनकी पहली जनसभा हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र के गुरबख्श गंज में जनसभा आयोजित की जाएगी. वो लालगंज, मुंशीगंज बाईपास, ऊंचाहार और सलोन में जनसभाओं को संबोधित करने का कार्यक्रम है.
रायबरेली लोकसभा सीट पर 2004 से कांग्रेस का कब्जा है. सोनिया गांधी 2004 के चुनाव में इस सीट से पहली बार सांसद चुनी गई थीं. उनसे पहले ही कांग्रेस उम्मीदवार वहां से जीतते रहे हैं.
विधानसभा चुनाव में किस पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहा है
अगर हम विधानसभा चुनाव की बात करें तो पिछले चुनाव में सपा यहां से केवल एक सीट ही जीत पाई थी. जबकि 2012 के चुनाव में सपा रायबरेली की 6 में से 5 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. पिछले चुनाव में बीजेपी ने 3 और कांग्रेस ने 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
विधानसभा के लिए 2017 में कराए गए चुनाव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बछरावां पर बीजेपी के रामनरेश रावत ने कांग्रेस के साहब शर्मा को 22 हजार 309 वोटों से हराया था. हरचंदपुर में कांग्रेस के राकेश सिंह ने बीजेपी के कंचन लोधी को 3 हजार 652 वोटों से हराया था. रायबरेली में कांग्रेस की अदिति सिंह ने बसपा के मोहम्मद शाहबाज खान को 89 हजार 163 वोट से हराया था. अदिति सिंह पिछले महीने कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गई हैं. वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षिच सलोन सीट पर बीजेपी के दल बहादुर ने कांग्रेस के सुरेश चौधरी को 16 हजार 55 वोटों से हराया था. सरेनी में बीजेपी के धीरेंद्र बहादुर सिंह ने बसपा के ठाकुर प्रसाद यादव को 13 हजार 7 वोटों के अंतर से हराया था. वहीं ऊंचाहार में सपा के मनोज कुमार पांडेय ने बीजेपी के उत्कृष्ट मौर्य को 1 हजार 934 वोट से मात दी.
2012 का चुनाव, जब सपा ने 6 में से 5 सीटें जीत लीं
समाजवादी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में एक तरफ जहां 6 में से केवल 1 सीट जीत पाई थी, वहीं जिन सीटों पर वह हारी थी, वहां उसे दूसरा स्थान भी नहीं मिला था.
आइए अब देखते हैं कि 2012 के विधानसभा में रायबरेली जिले में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन कैसा था. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित बछरावां पर सपा के रामलाल अकेला ने राष्ट्रीय स्वाभिमान पार्टी के सुशील कुमार पासी को 27 हजार 948 वोट से हराया था. हरचंदपुर में सपा के सुरेंद्र विक्रम सिंह ने कांग्रेस के शिवगणेश लोधी को 14 हजार 193 वोट से हराया था. रायबरेली सदर सीट पर पीस पार्टी के अखिलेश कुमार सिंह ने सपा के राम प्रताप यादव को 29 हजार 494 वोट से हराया था. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सलोन सीट पर सपा के आशा किशोर ने कांग्रेस के शिव बालक पासी को 20 हजार 577 वोट से हराया था. सरेनी में सपा के देवेंद्र प्रताप सिंह ने बसपा के सुशील कुमार को 12 हजार 919 वोट से हराया था. वहीं ऊंचाहार में सपा के मनोज कुमार पांडेय ने बसपा के उत्कृष्ट मौर्य को 2 हजार 582 वोट से मात दी थी.