UP Election 2022: चूड़ियों के शहर फिरोजाबाद से ग्राउंड रिपोर्ट, जानिए किस बात से नाराज हैं चूड़ी मजदूर
UP Election 2022: फिरोजाबाद के चूड़ी मजदूर पिछले 5 साल में योगी आदित्यनाथ की सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई सुविधाओं से खुश हैं. लेकिन वो अपनी मजदूरी से खुश नहीं हैं. वो चाहते हैं कि उनकी मजदूरी बढ़े.
UP Elections 2022: उत्तर प्रदेश में अगले साल के शुरू में ही विधानसभा के चुनाव होने हैं. फिरोजाबाद में करीब 250 चूड़ी फैक्ट्रियां हैं. यहां चूड़ी के काम से करीब ढाई लाख मजदूर जुड़े हुए हैं. यूपी में सरकार बनाने में इनका वोट भी शामिल होता है. फिरोजाबाद की बात करें तो इसे हिंदुस्तान में चूड़ी के नाम से ही जाना जाता है. आइए जानते हैं कि पिछले 5 सालों में इन चूड़ी मजदूरों की जिंदगी में क्या बदलाव आए हैं. क्या उन्हें सरकार की दी हुई सुविधा मिली है नहीं या जो वह मजदूरी करते हैं. उनकी रेटों में कोई बढ़ोतरी हुई.
मजदूरी से नाखुश हैं मजदूर
कई मजदूरों से बात करने के बाद यह बात निकल कर सामने आई कि सरकार ने जो सुविधाएं मजदूरों को दीं, जैसे मकान के लिए ढाई लाख रुपए, गैस सिलेंडर, फ्री राशन ई श्रम कार्ड, यह सुविधाएं तो उन्हें मिलीं. लेकिन सभी मजदूरों की नाराजगी यह थी कि उनको जो जिस दर से मजदूरी मिलती है, वह काफी कम है. उनकी मजदूरी में बढ़ोतरी होनी चाहिए. जिससे मजदूर का परिवार भी अच्छा कमा सके और अच्छा खा सके.
वहीं कुछ चूड़ी फैक्ट्रियों के मजदूरों की यह शिकायत भी सामने आई कि कुछ मजदूर जातिवाद समीकरण की वजह से सरकारी सुविधाओं से वंचित रह गए हैं. जैसे कुछ यादव क्षेत्र था, वहां के लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं. उनका कहना है कि सरकार को उन क्षेत्रों में भी सुविधाएं देनी चाहिए. मजदूरों से बातचीत में यह सामने आया कि सबसे बड़ा मुद्दा चूड़ी मजदूरों की रेट बढ़ोतरी और सरकार से मिलने वाली सुविधाएं हैं.
क्या कहते हैं मजदूर
चूड़ी जुड़ाई का काम करने वाले वीरेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि सरकार वैसे बहुत अच्छी है. राशन मिल रहा है. जो सुविधाएं सरकार ने दी हैं, वो सभी मिल रही हैं लेकिन हमारी सबसे बड़ी समस्या है कि जो हम काम करते हैं उसमें पूरे दिन में 200 रुपये ही मिल पाते हैं. इससे हमारा खर्चा नहीं चलता, परिवार में 4 बच्चे हैं और भी लोग हैं इसलिए हमारी मजदूरी बढाई जाए.
एक अन्य मजदूर दिनेश ने बताया कि हमें तो कुछ खास तो नहीं मिला, सरकार ने काम तो किया है लेकिन जिन लोगों को जरूरत थी उन्हें मिला है. लेकिन जो हमारी रेट हैं उसमें बढ़ोतरी होनी चाहिए 10 से 20 रुपये बढ़ा दिए जाते हैं कम से कम एक मजदूर को 500 रुपये रोज मिलने चाहिए जिससे हमारा गुजारा हो सके.