UP Election 2022: यूपी के चुनाव में फिर उछला कब्रिस्तान का मुद्दा, योगी ने कहा- पहले सरकारी पैसा कब्रिस्तान पर खर्च होता था
UP Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 के चुनाव में भी कब्रिस्तान को मुद्दा बनाया था. अब योगी आदित्यनाथ को उस मुद्दे की याद आई है. श्रीकृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में उन्होंने इसे उठाया.
उत्तर प्रदेश के चुनाव (UP Assembly Election 200) में कब्रिस्तान एक बार फिर मुद्दा बन गया है. दरसअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) बुधवार को मथुरा में थे. उन्होंने वहां आरोप लगाया कि पहले की सरकारें पैसे को कब्रिस्तानों पर पैसा लगाती थीं. लेकिन उनकी सरकार हिंदू तीर्थ स्थानों को विकसित करने पर पैसा खर्च कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा था
इससे पहले 2017 के चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कब्रिस्तान का जिक्र किया था. फरवरी 2017 में फतेहपुर की एक रैली में पीएम मोदी ने कहा था, ''गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो शमशान भी बनना चाहिए, अगर रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली में भी मिलनी चाहिए, होली में बिजली आती है तो ईद पर भी आनी चाहिए.''
वहीं श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पहुंचकर योगी आदित्यनाथ ने कहा, ''पहले कब्रिस्तानों की बाउंड्री बनाने के लिए पैसा दिया जाता था, तीर्थस्थानों के विकास पर नहीं. आज धार्मिक आयोजन बड़े पैमाने पर आयोजित किए जा रहे हैं और संतों का सम्मान हो रहा है. कुंभ जैसे 5000 साल पुरानी परंपरा को जीना इसका बड़ा उदाहरण है.'' मुख्यमंत्री ने राम मंदिर को लेकर विपक्ष पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर किसी विपक्षी दल की सरकार होती तो अयोध्या में बन रहा राम मंदिर हकीकत नहीं बन पाता. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से बन रहा है.
योगी ने फिर लिया बबुआ और अब्बाजान का नाम
उन्होंने कहा, ''अगर बबुआ होते तो वो अब्बाजान की तरह राम मंदिर के निर्माण के दौरान फायरिंग का आदेश देते. अगर उन्हें आतंकवादियों को संरक्षण देने से समय मिलता तभी तो वे विकास, महिला सशक्तिकरण और मंदिरों के बारे में सोचते. एकतरफ राम भक्तों की सरकार है और दूसरी तरफ वो हैं जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं.'' योगी आदित्यनाथ ने बबुआ और अब्बाजान का प्रयोग समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और उनके पिता के लिए किया.
योगी आदित्यनाथ की मुथरा यात्रा ऐसे समय पर हुई जब कुछ हिंदूवादी संगठनों ने वहां के शाही ईदगाह में 6 दिसंबर को जलाभिषेक की घोषणा की थी. इसको लेकर वहां काफी तनाव था.
आदित्यनाथ ने अपने भाषण में कृष्ण जन्मभूमि का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस जमीन ने पिछले 5 हजार साल से सबको अपने इतिहास का जश्न मनाना सिखाया है.यह वही धरती है, जहां कृष्ण पैदा हुए थे. यहां पैदा होकर उन्होंने इस धरती को आशीर्वाद दिया था. इस धरती और अपनी लीलाओं के जरिए कृष्ण ने हमें भविष्य के निर्देश दिए थे. इस जगह की हर चीज में भगवान कृष्ण की पहचान छुपी है.