UP Election 2022: चुनाव प्रचार में जमकर पसीना बहा रही हैं बीजेपी-कांग्रेस उम्मीदवार, जानिए क्या-क्या छोड़कर राजनीति में आई हैं
UP Election 2022: बाराबंकी सदर सीट से बीजेपी ने रामकुमारी मौर्य और कांग्रेस ने रूही अरशद को उम्मीदवार बनाया है. मौर्य सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आई हैं तो रूही बिजनेस छोड़कर.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इन दिनों महिलाओं को घर के कामकाज से लेकर चुनाव प्रचार तक में जमकर मेहनत करनी पड़ रही है. महिलाएं घर-द्वार और यहाँ तक सरकारी नौकरी छोड़कर चुनाव प्रचार में दिन-रात मेहनत कर रही हैं. हम बात कर रहे हैं बाराबंकी की सदर सीट की, जहां इन दिनों बीजेपी और कांग्रेस के टिकट पर महिला उम्मीदवार राजनीति में किस्मत आजमा रही हैं. यहां से बीजेपी ने रामकुमारी मौर्य और कांग्रेस ने रूही अरशद को उम्मीदवार बनाया है. मौर्य सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में आई हैं तो रूही बिजनेस छोड़कर राजनीति में सक्रिय हुई हैं.
क्या हैं उम्मीदवारों के शौक
बाराबंकी जिले की सदर विधानसभा पर बीजेपी और कांग्रेस की उम्मीदवारों ने पुरुषों को पीछे छोड़ रखा है. रूही अरशद कहती हैं कि उन्हें स्वादिष्ट भोजन बनाने का बड़ा शौक हैं, लेकिन अब वो राजनीति में भी स्वाद लाना चाहती हैं. कांग्रेस उम्मीदवार 43 साल की रूही अरशद मूलरूप से नैनीताल की रहने वाली हैं. उनकी पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई है. इंग्लिश लिटरेचर एंड इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन के साथ ही उन्होंने इंटरनेशनल एयरलाइंस एंड टूरिज्म में डिप्लोमा भी किया है. टीचिंग का शौक रखने वाली रूही के पति अरशद इकबाल बिजनेसमैन हैं. रूही घर संभालने के साथ-साथ पति के बिजनेस में भी हाथ बंटाती हैं.
रूही ने बताया की शादी के बाद ही उन्होंने पति के बिजनेस में हाथ बटाना शुरू कर दिया था. दो बेटों की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी संभालने वाली रूही का साथ उनकी समाजसेवी ननद फेमिना आरिफ दे रही हैं. उनकी ननद का कहना है उनकी भाभी 20 साल पहले उनके घर दुल्हन बनकर आई थीं. लेकिन वो बेटी बनकर घर की जिम्मेदारी संभालती हैं. उनके भाई के साथ वो हर जगह कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं. उन्होंने बताया की पति के राजनीति में सक्रिय होने के चलते उन्हें भी राजनीति में उतरना पड़ा. उनका खानदान कांग्रेस से जुड़ा हुआ है. उनके ससुर इकबाल सिद्दीकी कांग्रेस के टिकट पर 2004 में बलरामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.
प्रचार में बहा रही हैं पसीना
रूही आजकल सुबह 9 बजे से लेकर रात 8 बजे तक गांव-गांव जाकर चुनाव प्रचार में लगी हुई हैं. वो कहती हैं कि कांग्रेस ने महिलाओं को राजनीति में आगे किया है, इस वजह से महिलाएं अब चौका-बर्तन तक ही सीमित नहीं रहीं, वो राजनीति में भी आगे हैं. रूही कहती हैं कि जैसे महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस ने प्राथमिकता दी है, वैसे ही उनकी प्राथमिकता रहेगी महिलाओं के लिए हरसम्भव मदद करना.
बाराबंकी सीट से बीजेपी उम्मीदवार रामकुमारी मौर्य सहायक अध्यापक की नौकरी छोड़कर राजनीति में आई हैं. वो 16 साल से शिक्षक की नौकरी कर रही थीं. उनकी पहली नियुक्ति मोहारी पुरवा प्राथमिक विद्यालय में हुई थीं. वो हजरतपुर सिरौली गौसपुर में भी अध्यापक रहीं. उन्होंने पूर्व माध्यमिक विद्यालय रानीगंज ब्लॉक देवा में 11 साल तक पढ़ाया है.
समाजसेवा में रुचि रखने वाली रामकुमारी मौर्य ने पिछले 4 फरवरी को सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया. रामकुमारी मौर्य के पति अरविंद कुमार मौर्य बीजेपी से जुड़े हैं. पति की राजनीति में हाथ बंटाने के लिए वो चुनाव मैदान में कूद गई हैं. वो विधायक बनकर समाज सेवा करना चाह रही हैं.