चुनाव आयोग अबसे कुछ देर बाद ही उत्तर प्रदेश समेत देश के 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की (UP Assembly Election 2022) तारीखों का ऐलान कर देगा. इससे पहले आइए जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद (CM Candidate) के जितने दावेदार हैं, वो चुनाव लड़ेंगे भी या नहीं. पहले अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. बाद में पार्टी ने उनके बयान का खंडन किया. अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने चुनाव लड़ने की घोषणा की है. उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी जहां से कहेगी वो चुनाव लड़ने को तैयार हैं. वहीं विधानसभा का चुनाव लड़ चुकीं बसपा (BSP) की मायावती (Mayawati) ने अभी इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहा है. आइए जानते हैं इन नेताओं के चुनाव लड़ने के इतिहास पर.


कौन कहां से लड़ता है चुनाव?


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मार्च 2017 में इस कुर्सी पर बैठे थे. उससे पहले वो गोरखपुर के लोकसभा सांसद थे. विधानसभा जाने के लिए उन्होंने विधान परिषद का रास्ता चुना. वो अभी भी विधान परिषद के सदस्य हैं. उनका कार्यकाल 6 जुलाई 2022 तक है. योगी आदित्यनाथ 1998 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. 26 साल के योगी आदित्यनाथ उस समय लोकसभा के सबसे युवा सदस्य थे. वो 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी गोरखपुर से लोकसभा के लिए चुने गए. योगी आदित्यनाथ ने कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है. लेकिन अब ऐसी खबरें हैं कि 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में योगी आदित्यनाथ चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन वह किस सीट से लड़ेंगे अभी यह साफ नहीं है. 


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पिछले सोमवार को सोमवार को न्यूज एजेंसी पीटीआई ने खबर दी कि समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव नहीं लेड़ेंगे. लेकिन शाम होते होते सपा ने इसका खंडन कर दिया. सपा का कहना था कि अखिलेश के चुनाव लड़ने पर फैसला पार्टी करेगी. सपा पहली बार 2012 में अपने बलबूते सत्ता में आई थी. पार्टी ने 225 सीटों पर जीत दर्ज की थी. यह चुनाव सपा ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में लड़ा था. लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने बेटे अखिलेश यादव को सौंप दी थी. बाद में जब विधानसभा की सदस्यता लेने की बात आई तो अखिलेश यादव ने विधान परिषद को तरजीह दी. 


अखिलेश यादव की राजनीति क्या है?


अखिलेश यादव ने 2000 में कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव से अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की थी. अभी वो आजमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है. इस बार भी संभावना जताई जा रही है कि अखिलेश यादव विधानसभा का चुनाव न लड़ें. क्योंकि इस बार चुनाव की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधे पर है. अगर वह खुद ही चुनाव के जाल में फंस गए तो पार्टी मुश्किल में पड़ सकती है. 


मायावती कब कब लड़ चुकी हैं विधानसभा का चुनाव?


उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बसपा प्रमुख मायावती के नाम हैं. वो 4 बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं. मायावती विधानसभा का चुनाव लड़ती रही हैं. उन्होंने 1996 का चुनाव सहारनपुर हरोड़ा और बदायूं की बिल्सी सीट से लड़ा था. उन्होंने बिल्सी सीट छोड़ दी थी. उन्होंने 2002 का चुनाव अंबेडकरनगर के जहांगीरगंज और हरोड़ा से लड़ा था. उन्होंने जहांगीरजंग से इस्तीफा देकर हरोड़ा सीट अपने पास रखी थी. इसके बाद उन्होंने कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा. साल 2007 में उत्तर प्रदेश में पहली बार जब बसपा की बहुमत वाली सरकार बनी तो उन्होंने विधान परिषद का रास्ता चुना था. इस समय मायावती न तो विधायक हैं और न सांसद. 


उत्तर प्रदेश में विधान परिषद का सदस्य बनकर सरकार चालने का काम केवल मायावती, अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ ने ही किया है. अब अगले साल होने वाला विधानसभा चुनाव ये नेता लड़ेंगे या नहीं अभी यह तय नहीं है.


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