सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) ने वाराणसी के शिवपुर से पार्टी प्रत्याशी अरविंद राजभर के नामांकन के दौरान हुई अभद्रता की चुनाव आयोग (Election Commission) से शिकायत की है. पार्टी ने वाराणसी (Varansi) के डीएम और पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग की है. राजभर की पार्टी ने निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव के लिए उचित सुरक्षा की मांग की है.


ओमप्रकाश जभर की पार्टी ने क्या आरोप लगाए हैं?


सुभासपा के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar)अपने बेटे और शिवपुर से पार्टी के प्रत्याशी अरविंद राजभर के नामांकन के लिए सोमवार को वाराणसी गए थे. चुनाव आयोग की लिखे पत्र में राजभर ने आरोप लगाया है कि वो और उनके वकील नामांकन के लिए शिवपुर के रिटर्निंग अफसर के कार्यालय में जा रहे थे. इस दौरान कार्यालय के पास पहले से ही सैकड़ों लोग पुलिल की मौजूदगी में जमा थे. उनका आरोप है कि वहां मौजूद लोग उन्हें देखते ही भद्दी-भद्दी टिप्पणी करने लगे और नारेबाजी करने लगे. पार्टी का कहना है कि प्रत्याशी ने शांतिपूर्वक अपना नामांकन दाखिल किया. इस घटना की जानकारी शिवपुर के रिटर्निंग आफिसर को भी दी गई, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई कर पाने में असमर्थता जताई.


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चुनाव आयोग से क्या मांग की गई है?


चुनाव आयोग को भेजे पत्र में लिखा है कि जैसे वो लोग नामांकन दाखिल कर बाहर निकले, वहां जमा लोगों ने फिर नारेबाजी की. आरोप है कि हंगामा करने वालों ने भद्दी नारेबाजी की. पत्र में कहा गया है कि पुलिस की मौजूदगी में ओमप्रकाश राजभर का कॉलर पकड़कर उनको और शिवपुर से पार्टी के प्रत्याशी अरविंद राजभर को जान से मारने और चुनाव क्षेत्र में न निकलने की धमकी दी गई. पत्र में आरोप लगाया गया है कि हंगामा करने वाले बीजेपी के लोग थे और बीजेपी के उकसावे पर उन्होंने ऐसा किया. यह भी आरोप लगाया है कि यह सब स्थानीय प्रशासन की मौन सहमति से हुआ.


चुनाव आयोग को भेजे पत्र में आशंका जताई गई है कि वर्तमान जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त के रहते निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव नहीं हो पाएगा. इसलिए दोनों अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए. 


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