उत्तर प्रदेश आजकल चुनावी रंग में सराबोर है. चारों ओर चुनाव की धूम है. उम्मीदवार पर्चा दाखिल करने में लगे हुए हैं. इस पर्चे में उम्मीदवार को अपनी पूरी जानकारी का एक हलफनामा देना होता है. इसमें संबंधित उम्मीदवार की हैसियत से लेकर उसकी शैक्षणिक योग्यता, आपराधिक इतिहास और आय के स्रोत या आजिविका के साधन की जानकारी देनी होती है. पिछले चार विधानसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि चुनाव जीतने वालों में खेती किसानी करने वालों की संख्या अधिक है. साल 2002 से लेकर 2017 तक के चुनाव में सबसे अधिक 194 किसान 2012 के चुनाव में चुनकर विधानसभा पहुंचे थे.
किस चुनाव में कितने किसान चुने गए विधायक
आइए देखते हैं कि अन्य चुनावों में खेती-किसानी करने वालों और अन्य पेशेवरों का का प्रदर्शन कैसा रहा है. साल 2017 के चुनाव में किसान का पेशा दिखाने वाले 161 उम्मीदवार चुनाव जीते थे, यानी कि 40 फीसदी से अधिक विधायक किसान थे. वहीं 2012 में 194, 2007 में 151 और 2002 में 183 विधायकों ने अपना पेशा कृषि दिखाया था. विधानसभा पहुंचने वालों में दूसरी सबसे बड़ी संख्या उद्योग व्यापार से जुड़े लोगों की है. आंकड़ों के मुताबिक 2017 में उद्गोय-व्यापार से जुड़े 52, 2012 में 58, 2007 में 40 और 2002 में 26 लोग विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे थे.
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में से करीब 250 सीटें ग्रामीण इलाकों में आती हैं, एक वजह यह भी हो सकती है कि विधायक चुने जाने वाले लोगों में खेती-किसानी करने वालों की संख्या अधिक होती है. अब जिस तरह से राजनीतिक दलों का जोर शिक्षित उम्मीदवार उतराने पर है, उससे आने वाले दिनों में ऐसे लोगों की संख्या कम भी हो सकती है.
सामाजिक कार्य करने वाले कितने लोग चुने गए विधायक
अगर रिटायर अधिकारियों की बात करें तो 2017 में 1, 2012 में 4, 2007 में 2 और 2002 में 1 रिटायर अधिकारी या कर्मचारी विधानसभा पहुंचा था. वहीं सामाजिक कार्य को अपना पेशा बताने वाला कोई भी व्यक्ति 2017 में नहीं चुना गया था, लेकिन 2012 में 6, 2007 में 1 और 2002 में 7 विधायकों ने अपना पेशा सामाजिक कार्य बताया था.
UP Election 2022: अखिलेश यादव के खिलाफ बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री को दिया टिकट, करहल से भरा पर्चा
राजनीति में आने वालों में वकीलों की संख्या भी अच्छी-खासी होती है. साल 2017 में 17, 2012 में 16, 2007 में 25 और 2002 में 18 वकील विधायक चुने गए थे. वहीं अगर शिक्षकों के विधानसभा पहुंचने की बात करें तो 2017 में 19, 2012 में 15, 2007 में 9 और 2002 12 शिक्षक विधानसभा पहुंचे थे.
सबसे कम पत्रकार चुने जाते हैं विधायक
लेखन और पत्रकारिता को अपना पेशा बताने वालों की बात करें तो 2017 में 1, 2012 में 2, 2007 में 1 और 2001 में 1 ऐसा उम्मीदवार चुनाव जीतकर विधायक बने थे.
अगर डॉक्टरों के चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचने की बात करें तो 2017 में 9, 2012 में 10, 2007 में 9 और 2002 में 7 डॉक्टर विधायक चुने गए थे. वहीं इंजीनियरिंग के पेशे से जुड़े 3 लोग 2017 में, 5 लोग 2012 में, 2 लोग 2007 में और 2 लोग 2002 में विधायक चुने गए थे.